सामाजिक तलाक, अवैध दोनो पक्षों को न्यायालय से तलाक लेने की दी गई समझाईश

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RO.NO. 12879/25

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- उभयपक्ष के ट्रांसपोर्ट विवाद पर तहसीलदार करेंगी सुलह नामा
- आयोग में प्रकरण लगाने का आवेदिका को मिला लाभ एकमुश्त दिया गया 21 लाख रुपये
कोरिया/बैकुंठपुर (खगेन्द्र यादव)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष बैकुठपुर में महिला उत्पीड़न से संबधित प्रकरणों पर सुनवाई की छ०ग० राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर की 260 वीं सुनवाई हुई तथा जिला स्तर में 7 वीं सुनवाई की गई। कोरिया जिला में आज की जन सुनवाई में कुल 36 प्रकरणों में सुनवाई हुई ।
उभय पक्ष उपस्थित आवेदन प्रस्तुत किया कि दोनों पक्षों को सुना गया सामाजिक निर्णय के आधार पर दोनों अलग रह रहे है। आवेदिका अब तक किसी भी तरह का एकमुश्त भरण पोषण अनावेदक के द्वारा नहीं दिया गया ना ही कानून तालाक लिया गया है। अनावेदक को समझाइश दिया आवेदिका को एकमुश्त भरण पोषण राशि करे और शादी में दिये गये समस्त सामान वापस करे। उसके परिवार में 02 हेक्टेयर जमीन है और वह खेती बाड़ी का काम करता है। दोनों पक्षों का समझाइश दिया गया न्यायालय प्रकरण दर्ज कराएं एवं भरण राशि और तालाक की कार्यवाही पर्ण कर तालाक होने तक दूसरा विवाह ना करें इस निर्देश के तहत प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण उभय पक्ष उपस्थित जमीन रास्ते का विवाद है। दोनों पक्षों के बीच व्यवहार न्यायालय एसडीएम के पास केस चल रहा है। ऐसी स्थिति प्रकरण को नस्तीबद्ध योग्य है इस स्थिति में उभ पक्षय दोनों सहमत है कि दोनों पक्ष का सुलह नाम महिला आयोग की निगरानी में दोनों पक्ष के स्थल की जांच कर सुलह नामे कर एक माह के अन्दर जांच कर महिला आयोग को प्रस्तुत करें। संरक्षण अधिकारी वित्त बाला श्रीवास्तव को वह जिला तहसील ऑफिस टीम के साथ लिए 1 तारीख देकर मौके पर जांच कर और दोनों पक्षों की सुलह की सर्वे आयोग में भेंजे। दोनों पक्ष आयोग रायपुर कार्यालय आकर उपस्थित हो।
अन्य प्रकरण उभय पक्ष उपस्थित आवेदन में 10 अनावेदकगणों के शिकायत किया कि सभी अनावेदकगणों ने समाज से बहिष्कृत कर दिया गया सभी अनावेदकगणों ने इस बात पर इंकार किया गया उनके द्वारा कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है। इस स्तर पर आयोग की ओर से एक टीम आवेदिका के गांव उमापुर दिनांक 03 अगस्त को दोपहर 1.00 बजे पहुंचेंगे और साथ में थाना रामानुजनगर से एक एसआई एक महिला कांस्टेबल लेकर जायेगा। पुरे गांव के सामने इस प्रकरण की जानकारी रखी जायेगी सभी अनावेदकगण गांव वाले के समक्ष आवेदिका का गांव सामाजिक बहिष्कार नहीं गया गया है। यदि सभी अनावेदकगण ऐसी घोषणा कर देते है। तो प्रकरण समाप्त किया जायेगा और सामाजिक बहिष्कार घोषणा नहीं किये जाने पर तत्काल थाना रामानुजनगर में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 07 के तहत् सभी अनावेदकगणों के उपर अपराध दर्ज किया जायेगा। संरक्षण अधिकारी सूरजपुर इन्दु चौधरी की निरीक्षण किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनो के पास बस संचालन का परमिट है। और गाड़ी के आगे पीछे चलने का विवाद है। जिसपर पूर्व में कई बार शिकायत हो चुका है। और पुलिस जांच हो चुका है। इस स्तर पर आरटीओ संचालन कराने पर दोनों सुलह करने के लिए तैयार है। उम पक्ष तहसीलदार अमृता सिंह के कार्यालय में जाकर सुलह नाम की शर्त तैयार कराये। उनकी संतुष्टि कर आयोग को जानकारी देने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाये।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आयोग में प्रकरण लगाने के बाद अनावेदकगणों ने आवेदिका को 21 लाख रूपये एकमुश्त दिया आज सुनवाई के दौरान उभयपक्ष उपस्थित हुए आवेदिका ने सहमति पत्र प्रस्तुत किया कि वह अपना प्रकरण आपसी सुलह नाम की वजह से वापस लेना चाहती है। अतः प्रकरण आयोग ने नस्तीबद्ध किया ।
अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित पिछले सुनवाई में आवेदिकागणों को किस्त में देने के लिए तैयार था पर अब तक पैसा नहीं दिया है। लगभग 14 लाख रुपये अनावेदक से आवेदिका लोगों को लेना है। और वह हर बार प्रकरण से बचने के लिए बहाना करता है। ऐसी दशा में अनावेदक के खिलाफ धोखाधड़ी राशि गमन का केस दर्ज किया जाये और रिपोर्ट किया जाये और आयोग का जानकारी दिया जाये। अनावेदक को कोतवाली बैकुण्ठपुर थाना ले जाने को निर्देशित किया गया है।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष और आवेदिका एवं अनावेदक उपस्थित पिछले सुनवाई में अनावेदक ने आवेदिका को अपने बच्चों बच्चों सहित अपने पास रखने स्वीकार किया परन्तु संरक्षण अधिकारी इन्दु चौबे के समक्ष इंकार कर दिया अपनी पत्नी और वहां अन्य महिला को दो बच्चों के साथ अपने घर में रखा उसकी बात की पुष्टि अनावेदक क्रमांक 02 उसकी ससुर ने पुष्टि किया है। अनावेदक क्रमांक 1 ने महिला ने बच्चों के साथ अपने घर में रखा है अनावेदक क्रमांक 1 अपनी गलती स्वीकार किया अनावेदक ने यही से ले जाना स्वीकार किया। अनावेदक के घर 26 जुलाई 2024 को संरक्षण अधिकारी इनदु चौबे ने दो लेकर बजा जायेगी और अनावेदक क्रमांक 1 अवैध पत्नी को नारी निकेतन रायपुर भेजेंगे तथा दोनों पक्षों का निगरानी किया जायेगा तथा अनावेदक परेशान बात करता है तो थाना में रिपोर्ट किया जायेगा। दर्ज कराने के लिए संरक्षण अधिकारी इन्दु चौबे रिपोर्ट कर सकती है।अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक ने स्वीकार किया कि वह आवेदिका को 6 लाख रूप लिया था और वह अनावेदक को 4.50 लाख देने के लिए तैयार है जिस पर आवेदक सहमत है। इसमें से संरक्षण अधिकारी कोरिया को दिया जाता है। कि वह उभय पक्ष को बुलाकर दोनों पक्ष की लिखापडी कराये अनावेदक 50 हजार नगद और एक लाख में चार चेक चार मेडड फार्म जमा करें। इन सब का 1 लाख 50 रुपये के स्टाम्प में कराया जायेगा। प्रत्येक माह 1 लाख चेक आवेदक के खाते में जमा होने की जानकारी दर्ज किया जायेगा। आवेदक के पूरी राशि का भुगतान होने पर महिला आयोग को रिपोर्ट करने पर केस नस्तीबद्ध किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदक ने शासकीय सेवा से रहते हुए अपनी स्वार्थ को देखकर जाब करना चाहती है। और मनेन्द्रगढ़ और कोरिया अलग अलग हो चुके है। सीएचएमओ अलग अलग है। सी०एच०एम०ओ० के अन्तर्गत कार्य करेंगे। वहां पेमेंट मिलेगा आपकी मनचाही जगह पर कार्य नहीं किया जा सकता। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक ने स्वीकार किया है। दूसरी पत्नी से दूसरा बच्चा होने वाला है। एक हजार प्रति माह का भरण पोषण देने का आदेश हुआ है। वह नहीं दे रहा है। ऐसी दशा में अनावेदक के खिलाफ आवश्यकता अनुसार कार्यवाही के लिए संरक्षण अधिकारी वित्तबाला श्रीवास्तव को आदेश दिया जाता है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर नस्तीबद्ध किया जाता है।