दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के प्रांगण में हुआ राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन

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RO.NO. 12879/25

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-हॉकी के जादूगर के नाम से विख्यात मेजर ध्यानचंद को किया गया याद
एमसीबी / मनेंद्रगढ़ (खगेन्द्र यादव)। शिक्षा के मानक केंद्र दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के प्रांगण में राष्ट्रीय खेल दिवस अत्यंत उत्साहपूर्वक मनाया गया, कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर बसंत कुमार तिवारी एवं वरिष्ठ खेल शिक्षक प्रेम कुमार वर्मा द्वारा मेजर ध्यानचंद की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं श्रद्धासुमन अर्पित कर किया गया। तत्पश्चात विद्यालय की विशेष प्रातः सभा का आयोजन विद्यालयीन छात्र-परिषद के सदस्यों द्वारा किया गया।
जिसमें उन्होंने विभिन्न खेलों से संबंधित कई रोचक तथ्यों से विद्यार्थियों को अवगत कराया एवं खेलों से संबंधित प्रश्न पूछे, जिसमें खेल कप्तान ग्यारहवीं विज्ञान वर्ग के गुरजीत सिंह रैना एवं उप खेल कप्तान नौंवी के नैतिक वर्मा की सहभागिता प्रमुख रही, इसके पश्चात वर्ग आठवीं की शैली जायसवाल ने अपने अंग्रेजी में दिये संभाषण से विद्यालय को संबोधित करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद अपने असाधारण कौशल के लिए जाने जाते हैं, उनके सम्मान में हम प्रतिवर्ष उनके जन्मदिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन करते हैं, छात्रा ने आगे बताया कि मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है, उन्होंने हमे सन् 1928 में एम्सर्डम में हुए ओलंपिक खेलों में हॉकी में स्वर्ण पदक जिताया था, उनके खेल से प्रभावित होकर जर्मनी के शासक हिटलर ने उन्हें जर्मनी की ओर से खेलने का प्रस्ताव भी दिया था। साल 1928, 1932 और 1936 में उन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और हमारे देश को तीन बार स्वर्ण पदक जिताया था।

यह दिन सभी को स्वस्थ जीवन-शैली और शारीरिक गतिविधियों में सम्मिलित रहने के लिए प्रेरित करता है,यह दिवस मना कर हम अनुशासन और समर्पण के मूल्यों का सम्मान करते है जो हमें खेल सिखाते हैं, यह दिन हमें खेल भावना और स्वास्थ्य के प्रति आजीवन प्रतिबद्ध रहने को प्रोत्साहित करता है। प्राचार्य एवं विद्यालय के पी टी आई की अगुवाई में विद्यालय के चारों सदनों के मध्य रस्सा- कसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिनमें छात्रों में रवींद्रनाथ टैगोर सदन प्रथम स्थान पर एवं छात्राओं में आर्यभट्ट सदन प्रथम स्थान पर शोभायमान रही।विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के मध्य भी रोमांचकारी प्रतियोगिता हुई जिनमें महिला शिक्षिकाओं ने बाजी मारी एवं अंततः इस विशिष्ट सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।