राजनीतिक समीकरण: कोरबा में जीत का ताना-बाना बुन रही कांग्रेस - भाजपा

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-पाली तानाखार में दूसरे और तीसरे नंबर पर रही प्रमुख पार्टियां
कोरबा । उपलब्धि और नाकामी को सामने रख कांग्रेस और भाजपा कोरबा लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई को बेहद आसान मानकर चल रही हैं। लेकिन सच्चाई यह भी है कि गोंगपा की उपस्थिति और उसके प्रभाव ने इन दोनों दलों की मुश्किलें बढ़ाई है। जिले में गोंगपा के एक विधायक होने और लोकसभा क्षेत्र में कट्टर समर्थकों की भीड़ के कारण राजनीतिक समीकरण के काफी हद तक प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है।
कोरबा संसदीय क्षेत्र में कोरबा की 4, गौरेला पेंड्रा की 1, बैकुंठपुर की 1 और एमसीबी 2 सीट शामिल हैं। आठ विधानसभा क्षेत्र में कुल 16 लाख वोटर्स हैं जो अगले सांसद को लेकर निर्णायक भूमिका तय करेंगे। सामान्य संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय को मौका दिया है तो कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग से आने वाली मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को दूसरी बार मैदान में उतारा है। भाजपा प्रत्याशी को लेकर कहा जा रहा है कि कोरबा संसदीय क्षेत्र में पार्टी को कोई भी कार्यकर्ता इस लायक नहीं मिला कि उसे लोगों के सामने पेश किया जाए। यह भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है। केंद्र में 10 साल के दौरान सरकार की ओर से किये गए काम और मोदी के चेहरे के भरोसे पार्टी अपना काम कर रही है। कांग्रेस और दूसरी पार्टियों से कार्यकर्ताओं के निकलने के कारण वह फिलगुड की स्थिति में है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को डॉ. चरणदास महंत की इमेज और कोरबा क्षेत्र में पिछले कार्यकाल में बने मेडिकल कॉलेज का सहारा है। केंद्र की कुछ नाकामियों को कांग्रेस भुनाने की जुगत में है। ऐसे ही कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस और भाजपा का चुनाव प्रचार नामांकन के पहले ही तेज हो गया है। इन सबके बावजूद प्रत्याशियों के लिए मुश्किल बढ़ाने का काम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कट्टर समर्थकों की उपस्थिति कर रही है। बीते विधानसभा चुनाव में पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र से गोंगपा प्रत्याशी तुलेश्वर मरकाम की कांग्रेस पर 714 मतों से हुई जीत ने उसे उत्साहित किया है। मरकाम को यहां 60862 वोट मिले थे। लंबे अरसे बाद यहां बदली परिस्थितियों के कारण अब कोरबा के साथ-साथ सभी लोकसभा क्षेत्रों में गोंगपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। कोरबा संसदीय क्षेत्र में गोंगपा समर्थकों की संख्या सभी विधानसभा क्षेत्र में होने के कारण प्रत्याशी को अपने लिए कुछ तो अनुकूलता नजर आ ही रही है और यही स्थिति प्रमुख दलों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।
विधानसभा चुनाव में कोरबा जिले के पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस 60148 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही जबकि पूर्व विधायक और भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उइके को 46522 वोट ही हासिल हो सके। इस तरह गोंगपा के मुकाबले वे लगभग 13 हजार मतों से पीछे रहे। वोटों के समीकरण के हिसाब से फिलहाल यहां गोंगपा का पलड़ा भारी है। उधर एमसीबी जिले के भरतपुर सोनहत में गोंगपा के श्यामसिंह को 33863 मत हासिल हुए और वे तीसरे स्थान पर रहे। यहीं कारण है कि गोंगपा ने श्यामसिंह को मैदान में उतारा है। उसका सोचना है कि लड़ाई के बहाने कई मतलब साधने में आसानी हो सकती है।