कवर्धा के पत्रकारों ने जिला प्रेस क्लब भंग कर विधिसंगत चुनाव कराने कलेक्टर से की मांग…

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दक्षिणापथ, दुर्ग। मनरेगा अधिकारी कर्मचारी अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 17 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है। अभी तक शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं हो पाई है जिसके चलते बुधवार को अधिकारी कर्मचारियों ने महमरा घाट शिवनाथ नदी मे जल सत्याग्रह कर प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को मनवाने के लिए रोज नए तरीकों से प्रदर्शन किया जा रहा है जिसके चलते आज जल सत्याग्रह कर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे मनरेगा अधिकारी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा लगभग पुरी तरह बंद होने के कगार पर पहुंच चुका है। पिछले पंद्रह दिनो से लगातार जारी हड़ताल ने ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरो की कमर तोड़ दी है। मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मे सैकड़ों की संख्या मे मजदूर काम कर रहे थे जो अब बेरोजगार हो चुके है। जिसकी जानकारी देते हुए मनरेगा कर्मचारियों ने कहा कि उनके हड़ताल के चलते लगातार मजदूरों की संख्या में कमी आ रही थी और धीरे-धीरे यह संख्या कम होते होते अब शून्य तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार ने मनरेगा कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो इसके परिणाम ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन के रूप में सामने आएंगे। बता दे कि मनरेगा कर्मचारी अपनी 2 सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे मनरेगा के कार्यों पर पड़ रहा है। ऐसे में लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा कोई पहल नहीं किया जाना गंभीर समस्या का कारण हो रहा है। जिसके चलते प्रतिदिन मनरेगा कर्मचारी नए-नए प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास कर रही है इसी कड़ी में बुधवार को मनरेगा कर्मचारियों ने महमरा एनीकट जाकर जल सत्याग्रह कर प्रदर्शन किया।