अग्रसेन जयंती पर हजारों अग्र वंशजों ने निकाली शोभायात्रा, एक से परिधान में दिखे अग्रवंशी

अग्रसेन जयंती पर हजारों अग्र वंशजों ने निकाली शोभायात्रा, एक से परिधान में दिखे अग्रवंशी
दक्षिणापथ, दुर्ग । मनरेगा के अधिकारी एवं कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल मंगलवार से प्रारंभ हो गया। जिसमें जिला एवं सभी अधिकारी कर्मचारी द्वारा काम बंद, कलम बंद कर मानस भवन के गेट के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे है। शासन के पूर्व घोषणा के अनुसार अनियमित संविदा कर्मचारियों को नियमित करण किये जाने का चुनावी वादा सरकार द्वारा किया गया था। आंदोलन कर्मियों का कहना है कि महात्मा गांधी राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शासन की महत्वकांक्षी योजना है इससे ग्रामीण क्षेत्रो में गरीब परिवारो को काम मांगने पर रोजगार उपलब्ध किया जाता है एवं मजदूरो का जीवन स्तर में सुधार के लिए भी अति महत्वपूर्ण योजना साबित हुआ है। लेकिन इस योजना में काम करते हुए जमीनी स्तर पर अधिकारी - कर्मचारी ग्राम पचायत रोजगार सहायक एवं जिला एवं जनपद स्तर के कर्मचारियों संविदा कर्मचारियों का मानदेय अतिअल्प वेतन में काम कर रहे है। इनके साथ शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरूवा बाड़ी कार्य भी संपादित किया जा रहा है। जिनमें इन कर्मियों की प्रमुख भूमिका रही है। शासन की नरवा, घुरवा,गरवा बाड़ी योजना में इनके क्रिन्यावयन और समूहो को जाड़ने में प्रमुख भूमिका रहती है। ऐसे जमीनीस्तर कार्यरत कर्मचारियो के जीवन स्तर में सुधार हेतु शासन की कोई पहल प्रदर्शित नहीं हो रही है, निराशा वश कर्मचारियों को अनिश्चित कालीन हरताल पर जाने पर विवश कर रही है। अनिश्चित कालीन हड़ताल होने से ग्रामीण क्षेत्रो में कार्य की मांग होने पर भी कार्य उपलब्ध कराना असंभव है। शासन के द्वारा घोषणा पत्र में दो सूत्रिय मांग- 1 मनरेगा अधिकारी कर्मचारी का नियमितिकरण किया जाए। 2 नियमितिकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायक का वेतन निर्धारित करते हुए समस्त नरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जाए। जाए। यदि इनकी दो सूत्रिय मांग पूरी होती है तो प्रतिदिन लगभग 50 हजार ग्रामीण मजदूरो को रोजगार प्राप्त होगा एवं समय पर मजदूरी का भूगतान होगा जिसके साथ शासन की प्रमुख योजना नरवा, गरवा, घुरूवा,बाड़ी को आजिविका से जोड़ने का सफल क्रियान्यवयन हो सकेगा।