उम्मीदवारों के चयन के लिए भाजपा में माथापच्ची
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अमित शाह और बीएल संतोष
बस्तर के लिए अपनाई जा रही है 2018 की रणनीति
जगदलपुर/अर्जुन झा-। छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनावों को लेकर भाजपा का केंद्रीय संगठन और केंद्र सरकार गंभीर है। भाजपा हर हाल में छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाना चाहती है। इसके लिए पार्टी में माथापच्ची का दौर लगातार जारी है।
1 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी एल संतोष छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं और वह उसी दिन दुर्ग संभाग की बैठक लेने के लिए दुर्ग चले जाएंगे। संध्या वापस रायपुर प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचेंगे और रात्रि विश्राम यही करेंगे। 2 सितंबर को राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बिलासपुर संभाग के दौरे पर जाएंगे। बिलासपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। 1 सितंबर को ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायपुर पहुंच रहे हैं। वे भाजपा कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भाजपा के प्रमुख नेताओं की मैराथन बैठक लेंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष भी उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 2 सितंबर को वापस नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे।सरगुजा संभाग की 14 सीटों के लिए भाजपा संगठन अलग प्रत्याशियों के बारे में गंभीर चर्चा कर रहा है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय संगठन अपने-अपने स्तर पर सर्वे भी करवा रहे हैं। सरगुजा संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है, 9 प्रत्याशियों की घोषणा बाकी है।
*बस्तर के लिए पुरानी रणनीति*
बस्तर संभाग को लेकर भी भाजपा गंभीर है। 2018 में जो रणनीति अपनाई गई थी, ठीक वही रणनीति पुनः अपनाई जा रही है। चुनावी रणनीति और उसकी देखरेख के लिए झारखंड प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को बस्तर संभाग भेजा गया है। बस्तर संभाग की 12 में से दो सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है। बचे 10 सीटों के लिए घोषणा अब तब में होने वाली है।
*बड़े नेता बदल रहे हैं क्षेत्र*
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल अपना विधानसभा क्षेत्र बदल कर अकलतरा विधानसभा सीट से चुनाव से लड़ना चाहते हैं। अकलतरा के वर्तमान विधायक सौरभ सिंह उन्हें सहयोग करने के लिए तैयार हो गए हैं। संभावना है कि सौरभ सिंह को कोरबा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जा सकता है।
*दमदार नेताओं को भेजेंगे लोकसभा*
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मधुसूदन यादव को राजनांदगांव सीट से विधानसभा का टिकट दिया जा सकता है। अगर 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास समय रहा, तो केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने की पूर्ण संभावना है। इस बैठक में तेलंगाना के साथ ही छत्तीसगढ़ के 13 विधानसभा क्षेत्रों से ज्यादा की संख्या में प्रत्याशियों का नामों को फाइनल किया जा सकता है। खासकर बस्तर और सरगुजा संभाग के साथ उन विधानसभा क्षेत्रों का समावेश हो सकता है, जहां पिछले दो चुनावों में भाजपा को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। हेवीवेट विधानसभा क्षेत्रों की सूची अभी आने की संभावना कम है। उन सीटों पर भी गंभीर मंथन किया जा रहा है। चेहरा बदलने के रणनीति पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कुछ हेवीवेट नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने के बारे में विचार किया जा सकता है। अब इसमें कितनी सच्चाई है, इसकी परतें सितंबर माह में ही खुलेंगी।