भिलाई दुर्ग में नशे की गिरफ्त में लड़कियां, पालक चिंतित

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भिलाई दुर्ग। भिलाई दुर्ग में हाल के दिनों में लड़कियों के नशे की लत की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे पालकों की चिंता स्वाभाविक रूप से बढ़ गई है। यह समस्या न केवल परिवारों के लिए बल्कि समाज के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है

 -समस्या की जड़
समाज में तेजी से बदलती जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण युवा वर्ग, विशेषकर लड़कियां, नशे की ओर आकर्षित हो रही हैं। सामाजिक दबाव, व्यक्तिगत समस्याएं और कभी-कभी महज फैशन व दिखावे के चलते भी लड़कियों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
-पालकों की चिंता
पहले माता-पिता इस बात की चिंता करते थे कि उनकी बेटियों के लिए सही लड़का मिले, लेकिन अब उनकी चिंता का विषय बदल गया है। अब माता-पिता इस बात से चिंतित हैं कि उनके बेटे को सही लड़की मिले, जो नशे से दूर हो। यह बदलाव समाज में नशे की बढ़ती समस्या को दर्शाता है।
-समाज की भूमिका
समाज और परिवार दोनों की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं को सही मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करें। स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी इस दिशा में जागरूकता अभियानों का आयोजन करना चाहिए, ताकि युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया जा सके।
-समाधान की दिशा में कदम
 -प्रशासनिक कदम: पुलिस और प्रशासन को नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और नशे के सौदागरों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए।

-शैक्षणिक संस्थान:
 स्कूल और कॉलेजों में नशे के दुष्प्रभावों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
 -मनोवैज्ञानिक समर्थन
 युवाओं को मानसिक तनाव और दबाव से निपटने के लिए काउंसलिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
परिवार की भूमिका:
परिवार को बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और उनके मनोभावों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
नशे की समस्या को हल करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि हमारे आने वाले भविष्य को सुरक्षित और स्वस्थ बनाया जा सके।