भारत में मिला एमपॉक्स का पहला संदिग्ध केस, मरीज किया गया आइसोलेट; स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट

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नई दिल्ली। भारत में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) का पहला संदिग्ध मामला रिपोर्ट हुआ है। संदिग्ध मरीज एक युवक है, जिसने हाल ही में ऐसे देश की यात्रा की थी जहाँ एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं। युवक को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है और उसे आइसोलेशन में रखा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि युवक की हालत स्थिर है और उसके एमपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि के लिए सैंपल लिया गया है। इस सैंपल की जांच की जा रही है। मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में किसी भी अनावश्यक चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है और देश इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत ने यात्रा संबंधी मामलों के प्रबंधन और संभावित जोखिमों को कम करने के लिए मजबूत उपाय किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 12 अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स प्रकोप को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किए जाने के तीन सप्ताह बाद भारत में यह संदिग्ध मामला सामने आया है।

अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र और डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को एमपॉक्स प्रकोप के लिए एक योजना की शुरुआत की। अफ्रीका CDC के महानिदेशक डॉ. जीन कासेया ने बताया कि लगभग 600 मिलियन डॉलर की बजट वाली छह महीने की इस योजना में निगरानी, प्रयोगशाला परीक्षण और सामुदायिक सहभागिता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इस बीच, कांगो को गुरुवार को JYNNEOS वैक्सीन की 100,000 खुराकों का पहला बैच मिला, जिसे यूरोपीय संघ ने यूरोपीय संघ की स्वास्थ्य आपातकालीन एजेंसी HERA के माध्यम से डोनेट किया है। यह वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों और जनसंख्या की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।