टी20 विश्व कप : 14 साल में लगातार सात मैच खेलने वाले पहले भारतीय बनेंगे रोहित शर्मा, टूटेंगे कई रिकॉर्ड

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स्वाभिमान पार्टी के नेता और शिव कुमार साहू के परिजन कार्यवाही से संतुष्ट नहीं
दक्षिणापथ, दुर्ग।
स्वाभिमान पार्टी के लोगों द्वारा मित्तल अस्पताल की कारस्तानीयों के विरोध में कलेक्टोरेट परिसर में किए गए प्रदर्शन के तत्काल बाद ही जिला कलेक्टर ने मित्तल अस्पताल पर दंडात्मक कार्यवाही का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में मृतक शिवकुमार साहू के परिजनों से अवैध रूप से वसूले गए 91165 रुपए को तत्काल वापस करने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने जांच किए जाने पर अस्पताल का कृत्य गलत पाया। इसलिए 40000 रुपए का अलग से जुर्माना भी किया है। शिवकुमार साहू के साथ साथ हेमू लाल साहू, एन आर अग्रवाल, सुबोध सिन्हा और रजनी अग्रवाल को भी मित्तल अस्पताल द्वारा अवैध रूप से वसूली गई रकम क्रमश: 29500, 25230, 17030, 23780 रुपए तत्काल वापस करने का आदेश जारी किया है।
स्वाभिमान पार्टी के नेता और अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने इस आदेश पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा है कि शिवकुमार साहू के परिजनों से साढे छह लाख से ज्यादा की रकम वसूली गई है। दवा के पैसे परिजनों से लिए गए। लेकिन कभी भी परिजनों से दवा मंगवाई नहीं गई। इलाज में शुद्ध साढे तीन लाख की रकम की दवाइयां देना बताया गया है। जिन इंजेक्शन का दिया जाना अस्पताल के द्वारा बताया गया है, वह भी सरकार द्वारा पूरी तरह अमान्य किए जा चुके हैं। इंजेक्शन इत्यादि लगाने के लिए परिजनों से कभी स्वीकृति नहीं ली गई। न हीं इलाज के संदर्भ में किसी प्रकार की कोई जानकारी दी गई। ऐसी परिस्थिति में साढे तीन लाख की दवाओं के नाम पर जो अवैध वसूली की गई है उस पर कार्यवाही किया जाना बहुत आवश्यक है। इसलिए मित्तल अस्पताल से डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन इलाज के लिए बनाए गए समस्त कागजात और दस्तावेज प्रशासन के माध्यम से लेकर आगे उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी। पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मित्तल अस्पताल मैं जिस प्रकार से इस आपदा की घड़ी में लूट का कारोबार चला है। वह इस अस्पताल को बंद करवाने के लिए निर्णायक सिद्ध होगा। जो दवाइयां दी गई उसका क्या कारण है । यह जानना आवश्यक है। मित्तल अस्पताल में ऐसे कई अन्य मरीजों की जानकारी भी आ रही हैं जिनसे बड़ी धनराशि कोरोना वायरस से इलाज के नाम पर ली गई है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि वह इस मामले में लड़ाई तब तक जारी रखेंगे। जब तक पूर्णरूपेण न्याय नहीं मिल जाता।इस हेतु मित्तल अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाना भी लड़ाई का अंतिम पहलू होगा।