कबूतर तो बच गया, लेकिन मुंगेली एसपी साहब की कुर्सी उड़ गई

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रायपुर । राजधानी रायपुर के नए सर्किट हाउस में 12 और 13 तारीख को कलेक्टर्स-एसपी का कांफ ्रेंस चला। दो दिनों तक मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आला अफ सरों के साथ 33 जिलों के कलेक्टरों और एसपी की क्लास ली। इस दौरान कुछ जिलों के कलेक्टर्स और एसपी के काम पर सीएम ने असंतोष जाहिर करते हुए परफ ॉर्मेंस सुधारने का निर्देश दिया। कहा जा रहा है कि इस बैठक के आधार पर कुछ कलेक्टर और एसपी बदले जा सकते हैं। ऐसे में आज जैसे ही एसपी ट्रांसफर की खबर आई तो प्रशासनिक गलियरे में चर्चा शुरू हो गई कि कितने जिलों के एसपी बदले गए। यह रहस्य भी ज्यादा देर कायम नहीं रहा। पता चला कि केवल एक जिला के एसपी बदले गए हैं। गृह विभाग से जारी इस आदेश में मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर को हटाकर उनके स्थान पर भोजराम पटेल को वहां का एसपी बनाया गया है। गिरिजा शंकर 2010 बैच के आईपीएस है। डीआईजी रैंक पर हैं और यह उनका चौथा जिला था। उन्हें पीएचक्यू बुला लिया गया है। अब लोग इस एक मात्र एसपी को हटाए जाने के कारण तलाशने लगे। कलेक्टर्स कांफ्रेंस में मौजूद अफ सरों से पूछा गया कि क्या मुंगेली के ला एंड आर्डर को लेकर कुछ गंभीर बात हो गई थी, तो पता चला कि बैठक में मुंगेली के परफ ॉर्मेंस पर कोई खास टिकाटिप्पणी नहीं हुई है तो फिर गिरिजा शंकर हटा क्यों दिए गए।शांति दूतों को उड़ाने से जुडी है कहानी...मुंगेली एसपी को हटाने जाने की पटकथा करीब 2 महीने पुरानी है। मामला 15 अगस्त को शांति दूतों (कबूतरों) को उड़ाने से जुड़ा है। बता दें कि 15 अगस्त को मुंगेली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में मुंगेली एसपी के हाथ से कबूतर उड़ नहीं पाया था, बल्कि उनके हाथ से निकल कर कबूतर गिर गया। कुछ लोग ने कहा कि एसपी को मरा हुआ कबूतर थमा दिया गया था, लेकिन बाद में पता चला की वह बीमार था। ईलाज के बाद वह उड़ गया। इस घटना को लेकर एसपी और कलेक्टर के बीच में कथित तनातनी की भी खबरें आई। एसपी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इसकी जांच करने के लिए कहा था।