IPL 2021 का पूरा शेड्यूल जारी, 9 अप्रैल को आगाज, 30 मई को नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में फाइनल

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RO.NO. 12879/25

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अपीलकर्ता ने लगायी उच्चधिकारियों से न्याय की गुहार

दक्षिणापथ, आरंग। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी तय समय सीमा के महीनों बाद नही मिलने तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश का अवहेलना करने वाले पंचायत सचिव के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई कर मांगी गई जानकारी अतिशीघ्र उपलब्ध कराने की मांग ग्रामीण ने राज्य जन सूचना आयुक्त से की है ।
मामला आरंग जनपद क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बैहार में वित्तीय वर्ष 2019-20 मे कराए गए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत सार्वजनिक डबरी गहरीकरण, पचरीकरण, चारागाह में तार फेसिंग ,सी. पी. टी. भूमि सुधार कार्य, भूमि समतलीकरण एवं मिडिल स्कूल के हुए वृक्षारोपण कार्य में अनियमितता, गौठान स्थल पर फेसिंग पर फेसिंग तार एवं समतलीकरण कार्य में हुए व्यापक भ्रष्टाचार, गडबड़ी, फर्जी मस्टररोल की आशंका को देखते हुए बैहार पंचायत के पंच प्रतिनिधि उपेंद्र बंजारे द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 20/4/2020 से 15/7/2020 तक कराए गए कार्यों का मस्टररोल, मेजरमेंट बुक, मेट हाजिरी की सत्यापित प्रतिलिपि देने की मांग की गई थी।
कई माह बीत जाने के बाद भी जन सूचना अधिकारी (पंचायत सचिव बैहार) के द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराया जाना सूचना के अधिकार अधिनियम का उलंघन कर शासन के नियमों को ठेंगा दिखाना प्रतीत होता है, समयोपरांत कोई कार्यवाही नहीं होता देख अपीलकर्ता द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष भी आवेदन लगाने एवं वहां भी निराशा हाथ लगने के फलस्वरुप उच्चाधिकारियों से अपीलकर्ता द्वारा न्याय की गुहार लगायी गयी हैं।
ज्ञात हो कि शिकायतकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सरपंच श्रीमती गीता साहू के पुत्र बतौर सरपंच प्रतिनिधि का कार्यभार सम्हाल रहे हेमंत साहू एवं रोजगार सहायक रविशंकर बंजारे के मिलीभगत से लाखो रुपये की फर्जीवाड़ा होने की संभावना व्यक्त की गयी है एवं उनके चहेते पंचायत सचिव के द्वारा नियमों का उल्लंघन करने से फर्जीवाड़ा की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
आपको यहाँ यह भी बताना लाजिमी होगा कि सरपंच द्वारा अपने पदभार ग्रहण करते ही ईमानदार एवं दिव्यांग रोजगार सहायक का स्थानांतरण कराकर रविशंकर बंजारे को अन्यत्र पंचायत से लाया गया था किन्तु सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगते ही फर्जी मस्टररोल में फसने की डर से अपने नेता से पैरवी कर रोजगार सहायक का स्थानांतरण अन्यत्र जगह करने से फर्जीवाड़ा की आशंका और अधिक बलवती होती जा रही है।