राजधानी के शराब दुकानों में शुरू हुआ ओवररेटिंग का खेल

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रायपुर । प्रदेश की राजधानी रायपुर के अंग्रेजी और देशी शराब दुकानों में तय कीमत से अधिक दर पर शराब बेचे जाने यानी कि ओवररेटिंग का खेल फिर से शुरू हो चुका है।शहर के विभिन्न अंग्रेजी और देशी शराब दुकानों में शराब दुकान के कर्मचारियों की कारस्तानी के कारण मदिरप्रेमी फिर परेशान दिखाई दे रहे हैं।पिछले दिनों मीडिया द्वारा ओवीरेटिंग की खबर प्रकाशित करने के बाद हरकत में आई आबकारी विभाग की टीम ने शहर के सभी शराब दुकानों के बाहर रेट सूची जारी कर बोर्ड लगवाया और बोर्ड में टोल फ्री नम्बर अंकित कर अधिक कीमत में शराब बेचे जाने की शिकायत करने को कहा गया।पर इसके विपरीत शराब दुकानों में कर्मचारियों की पूरी मिली भगत से अधिक कीमतों पर बेचने का सिलसिला शुरू हो गया है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों की टीम शराब दुकानों के आस पास नजऱ गड़ाए खड़े रहते है ताकि कोई अधिकारी आए तो सतर्क हो जाए,साथ ही यह पता चला है कि आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत के कारण इस काले खेल को अंजाम दिया जा रहा है।अगर आप मदिरप्रेमी है तो राजधानी रायपुर के अंग्रेजी शराब दुकानों में आपको वह ब्रांड नही मिलेगा जिसकी परिकल्पना आप कर रहे हैं, आपको कुछ भी नाम का उसी कीमत में शराब दी जाएगी जिसे मजबूरन आपको लेना पड़ेगा,और इन शीशियों में एमआरपी भी गायब रहता है।अंग्रेजी शराब दुकानों में ओवीरेटिंग तो चल ही रहा है साथ ही साथ दुकानों से गोवा ब्रांड गायब है जिसके बदले जिप्सी ,बाबे टू गोवा, और सीजी जैसे निम्न स्तर के ब्रांड के क्वाटर बेचे जा रहे हैं। इस मामले में मदिराप्रेमियो का कहना था कि गोवा के जगह अन्य ब्रांड मिलता है जिसे पीने के बाद पेट जलता है साहब..गले से नही उतरता।शराब दुकानों के बाहर स्टाफ करते हैं गुडगदी :शराब दुकान में खरीदारी करने आए मदिराप्रेमि गुंडागर्दी का शिकार होते रहते हैं ऐसे गुंडे कोई और नहीं बल्कि उन्हें शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारी ही होते हैं यह कर्मचारी शराब दुकान के बाहर एक गुंडे के समान खड़े रहते हैं अगर अगर खरीदार तय कीमत में शराब खरीदने की बात करता है तो वह उनसे मारपीट और गुंडागर्दी भी करते हैं शिकायत करने की बात करते हैं तो वह उनका मोबाइल पकड़ कर तोड़ भी देते हैं।