विवेकानंद नगर की सड़कों की हालत बदहाल, लोगों का पार्षद के खिलाफ  बढ़ा आक्रोश

विवेकानंद नगर की सड़कों की हालत बदहाल, लोगों का पार्षद के खिलाफ  बढ़ा आक्रोश
RO No.12822/158

RO No.12822/158

RO No.12822/158

दुर्ग । नगर निगम क्षेत्र के 60 वार्डों में से अधिकांश वार्डों में इन दिनों लाखों-करोड़ों के सीसी रोड व अन्य विकास कार्यों का भूमिपूजन व शिलान्यास किया जा रहा है,लेकिन इसके बावजूद कई वार्ड अभी भी विकास कार्यों से अछूते है। इनमें से एक वार्ड पोटियाकला वार्ड-54 है। वार्ड अंतर्गत आने वाला क्षेेत्र विवेकानंद नगर गणपति चौक की सड़कों की हालत बदहाल है। जहां से गुजरना दुर्घटना को न्यौता देने के सामान है। सड़कों की दयनीय स्थिति से क्षेत्र के लोग परेशान है। शिकायत के बावजूद नगर निगम प्रशासन समस्या की अनदेखी कर रहा है,वहीं पार्षद का भी इस ओर ध्यान नहीं है। जिसके चलते नाराज क्षेत्रवासियों ने नगर निगम पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया है। वार्डवासियों ने बताया है कि पोटियाकला वार्ड क्रमांक-54 अंतर्गत आने वाला यह क्षेत्र लंबे समय से नगर निगम की उपेक्षा का शिकार है। वार्ड के पार्षद अजय वर्मा नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के पद को सुशोभित करते है।

बावजूद विवेकानंद नगर में न तो नाली निर्माण किया जा रहा है और न ही अंदर कालोनी में सड़कों का निर्माण किया गया है। लोग थोड़ी सी बारिश में इन सड़कों में आने-जाने से डरते है,क्योंकि इन सड़कों में भवन निर्माण से संबंधित वाहनों से और भी बड़े बड़े गड्डे हो गए है। जगह-जगह पानी पाईप लाईन लिकेज हो रहे है,जिससे सड़कों के कीचड़ व गड्डों में रोज महिलाएं, स्कूल कॉलेज आने जाने वाले छात्र-छात्राएं गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। इन सड़कों को सीसी सीमेंटीकरण कराने व पाईप लाईन का मरम्मत कराने के लिए वार्ड पार्षद को कई बार मौखिक व आवेदन देकर निवेदन किया जा चुका है। बावजूद पार्षद द्वारा समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। जिसकी वजह से क्षेत्र की सड़कों की स्थिति बदहाल हो गई है। विवेकानंद नगर (गणपति चौक) के नागरिकों का कहना है कि अगर हाल-फिरहाल सीसी रोड निर्माण संभव नही है, तो कम से कम डस्ट व मुरूम डलवाकर सड़कों का संधारण किया जाए, ताकि बरसात में क्षेत्रवासियों को आवागमन में परेशानियों का सामना न करना पड़े। क्षेत्र के निवासियों ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि नगर निगम प्रशासन या पार्षद जल्द ही क्षेत्रवासियों की इन समस्याओं का समाधान नहीं करवाती है, तो क्षेत्रवासी निगम चुनाव का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे।