अभियान में रोड़ा बनने पर घर का कटेगा नल कनेक्शन

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RO.NO. 12879/25

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- काॅकरोच है टायफाइड का संवाहक
रिसाली। कुछ घंटे या फिर कुछ दिन के अंतराल में बारिश होने पर मच्छर या अन्य बीमारी का प्रकोप बढ़ने लगता है। यही वजह है कि बीमारी महामारी का रूप न ले, एहतियात बरते अभियान में तेजी लाई गई है। जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सी.बी.सी. बंजारे रिसाली के जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे रहे है। आयुक्त मोनिका वर्मा ने निर्देश दिए है कि फाइट द बाइट अभियान में रोड़ा बनने वाले के साथ सख्ती से पेस आया जाएगा। ऐसे लोगों के निवास में लगे नल कनेक्शन को विच्छेद किया जाएगा।
 डाॅ.सी.बी.सी. बंजारे ने कहा कि मच्छर पनपने के लिए वर्तमान मौसम अनुकुल है। आने वाले 15 सितंबर तक मच्छर के लार्वा की तलाश कर उसे नष्ट करे। मच्छर किसी भी प्रकार का हो वह जानलेवा हो सकता है। यही वजह है कि टेमीफाॅस का पहले उपयोग करे फिर कुलर व जमा हुआ पानी खाली करे। प्रशिक्षण देते हुए डाॅ. बंजारे ने कहा कि निगम का अमला ठहरे हुए बारिश के पानी में जला आइल अवश्य डाले। यह खानापूर्ति के तौर में नहीं होना चाहिए।


-गाड़ी की स्पीड 5 कि.मी. प्रति घंटा हो
डाॅ. बंजारे ने कहा व्यस्क मच्छर को मारने फाॅगिंग करे। कर्मचारी ध्यान रखे कि धुंआ जमीन, घरों और झाड़ियों तक पहुंचे। फाॅगिंग करते समय गाड़ी की स्पीड 5 किलोमीटर प्रति घंटा हो।
-काॅकरोच है टायफाइड का संवाहक
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि घरों में काॅकरोच होता है। वही काॅकरोच पीलिया, टायफाइड का संवाहक है। दरअसल काॅकरोच नाली में छिपा रहता है। वाॅश बेसिन के रास्ते वह बर्तन तक पहुंचता है और वह बैक्टीरिया छोड़ जाता है। इसलिए बर्तन उपयोग करने से पहले उसे अच्छे से धो ले।