शिक्षा एक व्यक्ति की सोच का पोषण करती है और उन्हें जीवन में सोचने, कार्य करने और आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है: ललित चन्द्राकर

शिक्षा एक व्यक्ति की सोच का पोषण करती है और उन्हें जीवन में सोचने, कार्य करने और आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है: ललित चन्द्राकर
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-शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय उतई के दीक्षारंभ समारोह में सम्मिलित हुए  विधायक ललित चंद्राकर
दुर्ग। विधायक ललित  चन्द्राकर ने नवप्रवेश छात्र-छात्राओं का स्वागत कर नई शिक्षा नीति के उद्देश्य के बारे विस्तृत जानकारी दिया। साथ ही सभी को "एक पेड़ माँ के नाम" वृक्षारोपण कर प्राकृति को हरा भरा व स्वच्छ वातावरण बनाए रखने को कहा।
इस अवसर पर विधायक श्री ललित चन्द्राकर ने कहा शिक्षा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। शिक्षा और ज्ञान न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी आवश्यक है। शिक्षा एक व्यक्ति की सोच का पोषण करती है और उन्हें जीवन में सोचने, कार्य करने और आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षा लोगों को सशक्त बनाती है और उन्हें काम के संबंधित क्षेत्रों में रहने और अनुभव के सभी पहलुओं में कुशल बनने में मदद करती है। शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, यह लोगों के दिमाग को खोलती है और समझ, आगे बढ़ने और विकास करने की क्षमता प्रदान करती है। बचपन में शिक्षा उच्चतर माध्यमिक के माध्यम से बच्चों के जीवन के प्रारंभिक वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उनके व्यक्तित्व, काम करने की क्षमता को आकार देता है और उनकी वास्तविक क्षमता को खोजने में मदद करता है। प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए उच्च शिक्षा आवश्यक है।
विधायक ललित चन्द्राकर ने नई शिक्षा नीति की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्ता जनेरिक इलेक्टिव और वेल्यू एडिशन कोर्स का परिचय हमारी शिक्षा प्रणाली को और भी व्यापक और समग्र बनाने का प्रयास है।
 जेनेरिक इलेक्टिव कोर्स यह ऐसा कोर्स हैं जो विद्यार्थियों को उनकी रुचि और करियर विकल्पों के अनुसार किसे विरत की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को एक व्यापक शिक्षा देना है जो केवल एक विशेष क्षेत्र तक सीमित न हो। उदाहरण के लिए, एक विज्ञान का छात्र अब मानविकी या कला के विषय भी पढ़ सकता है, जिससे उसकी सोच और समझ का दायरा बढ़ेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, यह बदलाव छात्रों को एक बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करेगा। वे न केवल अपने प्रमुख क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करेंगे, बल्कि अन्य क्षेत्रों के ज्ञान से भी लैस होंगे। यह न केवल उनके करियर विकल्पों को विस्तृत करेगा, बल्कि उन्हें एक बेहतर नागरिक और समाज के प्रति जिम्मेदार व्यक्ति भी बनाएगा।

वेल्यू एडिशन कोर्स का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का समावेश करना है। आज के दौर में केवल अकादमिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। हमें ऐसे युवा चाहिए जो नैतिकता, संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग हों। वेल्यू एडिशन कोर्स के माध्यम से, हम छात्रों में अनुशासन, नैतिकता, और सांस्कृतिक समझ को विकसित कर सकते हैं। यह कोर्स विद्यार्थियों को समाज की सेवा करने, नैतिक मूल्यों का पालन करने और एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का यह कदम हमारे शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देने का प्रयास है। यह केवल शिक्षा प्रदान करने का माध्यम नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन जीने की कला भी सिखाने का एक प्रयास है।
अंत में, मैं आप सभी से यह अनुरोध करता हूँ कि हम सब मिलकर इस नीति के सफल क्रियान्वयन में अपना योगदान दें। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माण करें जो न केवल शैक्षणिक दृष्टि से बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी समृद्ध हो।
इस अवसर पर प्राचार्य राजेश पाण्डे,जिला मंत्री रोहित साहू, मण्डल अध्यक्ष फत्तेलाल वर्मा , महामंत्री सोनू राजपूत, खान सर, चेतन साहू, मिश्रा सर, पंकज सर,पार्षद सतीष चंद्राकर, लक्ष्मी नारायण साहू, हुबलाल चंद्राकर, नरेन्द्र साहू, रुपेश पारख,फलेंद्र राजपूत, बृजमोहन साहू, सोहन रिगरी, हरीश यादव,शुभम वर्मा,प्रवीण यदु, करण सेन, भूपेन्द्र साहू, घनश्याम चंद्राकर, ओपी चंद्राकर,चिंटू सिन्हा, चेतन साहू, केशव महिपाल,पूनमचंद सपहा, सुमंत साहू, तुलुराम साहू,लता सोनवानी, विमला कावड़े, दानेश्वरी देशमुख, ममता चंद्राकर, संगीता रजक, सीतल  ,समस्त छात्र - छात्राएं एवं पालक गण उपस्थित रहे।