दुर्ग। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल सरकारी खरीद में धान की तौल इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन से करने का निर्णय लिया है। इसके परिपालन में समितियों द्वारा तौल मशीन की खरीद करने के लिए कोटेशन मंगाये गये हैं। इसके अलावा तारपोलिन खरीदी करने भी कोटेशन आमंत्रित किया गया है। एक क्विंटल तक तौल करने वाले इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन बाजार में 4-5 हजार रुपए में उपलब्ध है किंतु अधिकांश कोटेशन में इसकी कीमत लगभग 10 हजार रुपए कोट किये गये हैं। इसी प्रकार 3-4 हजार रुपए में बाजार में तारपोलिन उपलब्ध है जबकि अधिकांश कोटेशन में 7 हजार रुपए कीमत कोट किया गया है। इसके अलावा सोसायटी को जीएसटी का भुगतान भी करना है। कोटेशन देने वाले कुछ फर्म और उनके जीएसटी नंबर फर्जी भी हो सकते हैं।
वर्तमान में केंद्रीय सहकारी बैंक में निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है, बैंक में अध्यक्ष के पद पर जिला कलेक्टर प्रभारी अधिकारी हैं। इसी प्रकार समितियों में भी निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है और बैंक के कर्मचारी ही समिति प्रबंधक के रूप में समितियों के कार्य को संचालित कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के राजकुमार गुप्त ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कलेक्टर ऋचा चौधरी से आग्रह किया है कि समितियों में तारपोलिन और इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन की खरीद के लिए फर्मों के कोटेशन और उनके जीएसटी नंबर की जांच कराये और किसी भी स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन खरीदी 5 हजार रुपए से अधिक और तारपोलिन की खरीद 4 हजार रुपए से अधिक दाम में न हो यह सुनिश्चित करें। इसके अलावा किसान संगठन के नेता ने सहकारिता विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से भी आग्रह किया है कि बैंक और समितियों की किसानों की धनराशि का लूट रोकने के लिए तत्काल कार्यवाही करें।
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