भाजपा के कुशासन से त्रस्त छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की न्याय यात्रा बनी उम्मीद की किरण - अरुण वोरा के नेतृत्व में दुर्ग से पहुंचे हजारों कार्यकर्ता
दुर्ग-भिलाई। छत्तीसगढ़ पिछले 9 महीनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में गंभीर संकट से गुजर रहा है। अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है, और महिलाओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गए हैं। हाल की घटनाएं, जैसे बलौदा बाजार में निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी और कवर्धा में साहू समाज के तीन युवाओं की दुर्भाग्यपूर्ण मौत, सरकार की विफलता को उजागर करती हैं। शांति का टापू कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ अब अपराध का गढ़ बन गया है, आए दिन अपराध के नए-नए किस्से सुनने और देखने को मिलते हैं।जनता का सरकार की गूंगी-बहरी भूमिका से भरोसा टूट गया है।
इन्हीं घटनाओं और विफलताओं के खिलाफ आवाज़ उठाने तथा प्रदेश में पुनः सामाजिक समरसता और शांति स्थापित करने के उद्देश्य से कांग्रेस ने 'छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा' की शुरुआत आज की। यह छह दिन की पदयात्रा 125 किमी का सफर तय करते हुए 2 अक्टूबर को रायपुर के गांधी मैदान में समाप्त होगी। इस यात्रा का मुख्य मकसद है जनता को न्याय दिलाना और राज्य में कानून-व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करना।
आज गिरौदपुरी की तपोभूमि से इस न्याय यात्रा का आगाज़ किया गया। बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद और तिरंगे को सलामी देकर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी.एस. सिंहदेव, शिव कुमार डहरिया, चरणदास महंत, फूलोदेवी नेताम, ताम्रध्वज साहू, अरुण वोरा, धनेंद्र साहू,मोहन मरकाम, विकास उपाध्याय, सुनेंद्र शर्मा, अनिला भेड़िया एवं प्रदेश भर के कांग्रेस विधायक शामिल हुए। दुर्ग से अरुण वोरा के नेतृत्व में सभी ब्लॉक अध्यक्ष समेत सभी पदधिकारिणी,कांग्रेस सेवादल, महिला कांग्रेस, NSUI एवं युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस यात्रा में हिस्सा लिया।
यात्रा के पहले दिन विद्रोह, स्वाभिमान और बलिदान की भूमि सोनाखान में वीर नारायण सिंह को स्मरण किया गया। वहां से शुरू हुई यात्रा में जनता का भारी समर्थन देखा गया। यात्रा के रास्ते में रुकते हुए कांग्रेस नेताओं ने लोगों से संवाद किया और उन्हें भाजपा के कुशासन के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा शासन पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है और अपराधों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
अरुण वोरा ने प्रथम दिन की यात्रा की सफलता पर कहा, "यह यात्रा न केवल न्याय की मांग है, बल्कि प्रदेश में शांति और समरसता की वापसी की एक पहल है। हमें जनता का जो समर्थन मिला है, उससे साफ है कि छत्तीसगढ़ न्याय चाहता है।" उन्होंने यात्रा में शामिल होने वाले हजारों लोगों को धन्यवाद दिया और सभी से अपील की कि वे इस यात्रा में जुड़ते रहें।
आज जनता के उत्साहपूर्वक वातावरण से यह साफ हो गया कि आने वाले दिनों में यह न्याय यात्रा और भी बड़ा जनांदोलन बनेगी।