निगम दे रही है स्व विवरणी भरने का मौका, टैक्स चोरी पकड़ी गई तो पेनाल्टी

निगम दे रही है स्व विवरणी भरने का मौका, टैक्स चोरी पकड़ी गई तो पेनाल्टी
RO.NO. 12945/82

RO.NO. 12945/82

RO.NO. 12945/82

-बड़े बकायादारों की बन रही सूची
रिसाली। रिसाली निगम नागरिकों को पेनाल्टी से बचाने एक और मौका दे रही है। स्व विवरणी भर वे अपनी संपत्ती का वास्तविक टैक्स निर्धारण करा सकते है। सर्वे के दौरान अगर टैक्स चोरी का मामला सामने आता है, तो निगम का राजस्व विभाग पेनाल्टी के साथ करदाता से टैक्स वसूली करेगा।
 नगर पालिक निगम की आयुक्त मोनिका वर्मा ने राजस्व विभाग को रिसाली क्षेत्र के टाउनशिप को छोड़कर शेष वार्डो में सर्वे करने निर्देश दिए है। इसके लिए अलग-अलग कर्मचारियों को वार्डो की जिम्मेदारी दी है। आयुक्त ने निर्देश दिए है कि सर्वे में कर्मचारी यह देखेंगे कि नागरिक टैक्स की चोरी तो नही कर रहा है। करदाता का जो टैक्स निर्धारण हुआ है, वह सही है कि नहीं। सर्वे करने वाले अधिकारी जांच में पाते है कि आवासीय मकान या व्यापारिक प्रतिष्ठान का क्षेत्रफल अधिक है और वह टैक्स के रूप में कम राशि जमा कर रहा है, तो पेनाल्टी के साथ अधिकारी-कर्मचारी टैक्स वसूली करेंगे।। इस दौरान केवल उन नागरिकों को राहत मिलेगी जो कार्यालय पहुंचकर स्व विवरणी भरा हो।
-बकायादारों की बन रही सूची
आयुक्त मोनिका वर्मा ने राजस्व विभाग को ऐसे करदाताओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिए है, जो लंबे समय से निगम को टैक्स नहीं दे रहे है। आयुक्त ने टैक्स जमा करने वाले इच्छुक बकायादारों को किस्त में टैक्स जमा करने की सुविधा दी है। करदाता 2 या 3 किस्त में राशि जमा कर सकते है।
स्लम क्षेत्र को फायदा
शहर सरकार ने स्लम क्षेत्र में रहने वालों को सुविधा दी है। पिछले बजट सामान्य सभा में निगम सरकार वर्ष 1999-2000 की जगह वर्ष 2015-16 से टैक्स वसूली का निर्णय ली है। एक साथ टैक्स जमा करने पर छुट का प्रावधान है। आयुक्त ने स्लम क्षेत्र में भी सर्वे के निर्देश दिए है।
-बड़े बकायादारों का कटेगा नल
राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में आयुक्त मोनिका वर्मा ने निर्देश दिए है कि बड़े बकायादारों को टैक्स जमा के लिए नोटिस जारी करे। नोटिस का असर नहीं होने पर नल कनेक्शन विच्छेद की कार्रवाई करे। इसके बाद भी राशि जमा नहीं करने वाले करदाताओं के खिलाफ कुर्की प्रकरण तैयार कर सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करे।
सर्वे के दौरान यह देखेंगे
-करदाता अधिक क्षेत्रफल में मकान बनाकर कम क्षेत्रफल का टैक्स जमा तो नहीं कर रहा है।
-दो या तीन मंजिला मकान का कर निर्धारण हुआ है कि नहीं।
-मकान का व्यवसायिक उपयोग जैसे किराया या दुकान पर तो नहीं है।