पेनकिलर्स से एंटीबायोटिक तक, अप्रैल से महंगी हो जाएंगी जरूरी दवाइयां, फार्मा इंडस्ट्री कीमतों को बढ़ाए जाने की कर रही है मांग
नई दिल्ली: देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। आम आदमी महंगाई के बोझ से परेशान है। अब अप्रैल से महंगाई का एक और तड़का लगने वाला है। दरअसल अप्रैल से जरूरी दवाओं (Essential medicines Price Hike) के दाम बढ़ने वाले हैं। इसमें पेनकिलर्स से लेकर एंटीबायोटिक तक शामिल हैं। आम आदमी जो पहले से ही महंगाई से परेशान है उसकी जेब पर बोझ और बढ़ जाएगा। इन जरूरी दवाओं की बात करें तो इसमें पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक, दिल की दवाएं आदि शामिल हैं। एक अप्रैल से इन सब दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं। आम आदमी को महंगाई का बड़ा झटका लगेगा। दरअसल सरकार दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में बदलाव के अनुरूप बढ़ोतरी की अनुमति देने के लिए पूरी तरह तैयार है। दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा अधिसूचित WPI में वार्षिक परिवर्तन 2022 के आधार पर दाम बढ़ाए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, बढ़ती महंगाई को देखते हुए फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की मांग कर रही थी।
12 फीसदी से ज्यादा बढ़ सकते हैं दाम
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दवाओं के दाम 12 फीसदी से ज्यादा बढ़ सकते हैं। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब दवाओं के दाम बढ़ जाएंगे। शेड्यूल ड्रग्स की कीमतों में लगभग 10 फीसदी तक इजाफा किया जा सकता है। बता दें कि शेड्यूल ड्रग्स वे दवाएं होती हैं जिनकी कीमतों पर नियंत्रण होता है। नियमों के मुताबिक शेड्यूल दवाओं के दाम बिना सरकार की अनुमति के नहीं बढ़ाए जा सकते। बता दें कि WPI में वार्षिक परिवर्तन के कारण कीमतों में वृद्धि मामूली रही है, जो पिछले कुछ वर्षों में 1% और 2% के बीच रही है। सूत्रों ने कहा कि एनपीपीए अगले कुछ दिनों में निर्धारित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमतों को अधिसूचित करेगा।
उद्योग को मिलेगी राहत
दवाओं के दाम में बढ़ोतरी से इस उद्योग से जुड़े लोगों को राहत जरूरी मिलेगी। पिछले कुछ समय से कच्चे माल जिसमें दवा बनाने का सामान, माल-ढुलाई और प्लास्टिक व पैकेजिंग के सामान में इजाफा हुआ है। इससे लागत पर असर पड़ा है। दवाओं के दाम बढ़ने से इनकों राहत मिलेगी।