महेन्द्र सिंह धोनी को पीएम मोदी ने लिखा तारीफ, शुभकामनाओं के लिए पीएम मोदी को कहा शुक्रिया

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आखिर जनता किन सड़कों पर चलकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचेंगे
दक्षिणापथ, पत्थलगांव। प्रधानमंत्री के सपनों पर पानी फेरते प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के अधिकारी की कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है । प्रधानमंत्री सड़कें गारंटी पीरियड तक जैसे तैसे अपने अस्तित्व को बचाने में सफल हो जाती हैं किंतु गारंटी पीरियड खत्म होने के बाद शायद प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारी इन सड़कों को भूल ही जाते हैं। इन सड़कों की इतनी दयनीय व जर्जर हालत हो जाती है कि इन सड़कों पर चार पहिया वाहन तो दूर पैदल चलना भी दुश्वार नजर आता है। जिसका जीता जागता उदाहरण पत्थलगांव शहर से लगे हुए आदर्श ग्राम को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क लँजीयापारा कुमेकेला जाने वाला सड़क अपने बड़े बड़े गड्ढों के साथ जर्जर हालत में लोग हलाकान हो रहे हैं।सड़कें जो आवगमन का मुख्य साधन पर वो ही पूरी तरह जर्जर हो तो आम लोग इन सड़कों से जाए तो आखिर कैसे जाए ??शहर के NH43 से सटा हुआ सड़क पर पीएमजेएसवाई विभाग के उदासीन रवैये से आम लोग मजबूर है इन खराब सड़कों में आने जाने को सड़क पे गड्ढे इतने बड़े बड़े की जान बचानी पहली प्राथमिकता है। इस सड़क के खराब हालत पे विभागीय अफसर और इंजीनियर किसी तरह से लोगो को राहत देते नही देखे जा रहे जहाँ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क को कनेक्टिविटी के लिए जाना जाता है। शहरों से गाँव को जोड़ने भारत सरकार की विभाग पर उस पहल को विभाग के अधिकारि और इंजीनियरो के द्वारा पूरी तरह दरकिनार करते हुए सड़क को उसके खस्ताहाल हालत पे ही छोड़ दिया गया है। जशपुर रोड अस्पताल के पास से लँजीयापारा जाने वाला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जिस पर आने जाने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जबकि शहर से लगे होने के बाद भी न तो इस पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विभाग ही इसे ठीक करने को तैयार है। न ही उच्च अधिकारी इन सड़कों के खराब हालत पे किसी तरह की कोई कार्यवाही करते है।जिससे कारण पीएमजेसवाई विभाग पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी से दूर भागते नजर आती है। जबकि शहर से लगे होने के कारण इस सड़क को जल्द ही दुरुस्त करना चाहिए पर सड़क ठीक करने किसी तरह की कोई पहल नही देखे जाने से इन विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी को समझा जा सकता है। इन सड़कों से रोजाना आने जाने वालो कि संख्या काफी रहती है। जिसमे पैदल से लेकर छोटी बड़ी सभी गाड़िया शामिल है। पर इतने बड़े बड़े गड्ढे से लोग चले तो कैसे चले पर सड़क जर्जर हो या टूटी फूटी लोगो की मजबूरी है। उस पर चलने की और कोई मार्ग ही नही है।जिससे शहर आया जाया जा संके। आदर्श ग्राम को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क के संबंध में जब अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की जाती है तो उनके द्वारा फंड नहीं होने का रोना रोया जाता है एवं सड़कों के बड़े-बड़े गड्ढों के संबंध में पूछा जाता है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि आपको जहां शिकायत करनी है कर ले क्योंकि सड़कों की गारंटी पीरियड खत्म हो चुकी है ।आखिर सड़कों की इतनी दयनीय हालत के लिए जिम्मेदार अधिकारी बचने का क्यों प्रयास करते हैं ।आखिर इन कमीशन के बोझ तले सड़कों की गुणवत्ता पर समझौता करने वाले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के अधिकारियों पर कारवाही की गाज कब गिरेगी??
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पत्थलगांव से लँजीयापारा सड़क के खराब और जर्जर हालत की जानकारी पत्थलगांव एसडीएम योगेन्द्र श्रीवास् को देने पर उन्होंने कहा कि मैं विभास के अधिकारियों से बात करता हु। इस तरह शहर से लगे सड़को का खराब होना चिंता का विषय है विभाग को ठीक करने की पहल करनी चाहिए थी।