नई दिल्ली । पंजाब में विधानसभा चुनाव जीत चुकी आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय दल के दर्जे का दावेदार बनने के लिए अगले दो विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है जो इस साल के आखिर या अगले साल के प्रारंभ में होंगे। चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने चुनाव निशान (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि स्वत: ही राष्ट्रीय पार्टी बन जाने के लिए किसी भी पार्टी को चार राज्यों में प्रादेशिक (क्षेत्रीय) दल बनने की जरूरत होती है। आम आदमी पार्टी पहले से ही दिल्ली और पंजाब में प्रादेशिक दल है। वह दिल्ली में सत्ता में है जबकि वह पंजाब चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद वहां सत्तासीन होने जा रही है।
आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए आयोग के पूर्व अधिकारी ने कहा कि किसी भी पार्टी को प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त करने के लिए आठ फीसद वोटों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, विविध विकल्प हैं। यदि किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में छह फीसद वोट और दो सीटें मिलती है तो उसे प्रादेशिक पार्टी का दर्जा मिल जाता है। प्रादेशिक दल का दर्जा प्राप्त करने का दूसरा विकल्प है कि विधानसभा में कम से कम तीन सीटें मिल जाएं , भले ही वोटों की हिस्सेदारी कुछ भी हो।
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव में भी प्रदर्शन के संदर्भ में प्रावधान हैं लेकिन वे 2024 में होने वाले हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नवीनतम रूझानों के अनुसार आप गोवा विधानसभा चुनाव में 6.77 फीसद वोट हासिल करने में कामयाब रही है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी, 2023 तक है जबकि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को खत्म होगा। ये दोनों चुनाव इस साल के आखिर या 2023 के प्रारंभ में हो सकते हैं। आप गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में चुनाव के लिए अपनी जमीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
चुनाव आयोग के अनुसार फिलहाल आठ राष्ट्रीय दल--तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं।
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