बर्तनों में लग जाए फंगस तो इन घरेलू नुस्खों को अपनाएं, मिलेगा छुटकारा

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ऑनलाईन पोर्टल बना शिक्षकों एवं बच्चों को जोड़ने का प्रभावी माध्यम

रायपुर. लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं अभिभावकों की यह चिंता स्वाभाविक थी कि इस कठिन दौर में बच्चों की पढ़ाई किस प्रकार जारी रखी जाए। अध्यापकों और बच्चों को अध्ययन-अध्यापन से जोड़ा जाए, ताकि स्कूली विद्यार्थी घर पर ही रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सके। इस दिशा में मुख्यमंत्री की सोच को मूर्तरूप प्रदान करने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इजाद किया गया ऑनलाईन पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ ज्ञान-विज्ञान को शिक्षक एवं बच्चों से जोड़ने का प्रभावी माध्यम बन रहा है।

राजनांदगांव जिले में ऑनलाईन पोर्टल एवं व्हाट्सअप गु्रप के माध्यम से शिक्षक एवं बच्चे आपस में जुड़ रहे हैं। यह वैचारिक एवं तकनीकी क्रांति का दौर है । बच्चों को इसके माध्यम से पढ़ने के रोचक अनुभव मिल रहे हैं। बच्चों एवं शिक्षकों को यह पता है कि कोरोना वायरस कोविड-19 जैसे घातक बीमारी को हराना है इसलिए सभी सजग होकर ऑनलाईन पढ़ाई के लिए जागरूक हो रहे हैं। बच्चे स्मार्ट फोन के जरिए अपने शिक्षकों से जुड़े हुए हैं और अपनी शैक्षणिक समस्याओं का समाधान प्राप्त कर रहे हैं। शिक्षक बच्चों से लर्निंग ऑडियो-वीडियो, फोटो, कोर्स मटेरियल, ऑनलाईन कक्षाएं, ज्ञान-विज्ञान की पीडीएफ फाईल एवं होमवर्क, प्रश्नों के उत्तर आदि आपस में साझा कर रहेे हैं।

शासकीय प्राथमिक शाला ग्राम घुरोरा की कक्षा 8वीं की छात्रा कुमारी जगोतीन ने कहा कि यह एक कारगर पद्धति है। इस तरह से पढ़ना नया और रूचिकर अनुभव है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हम स्कूल तो नहीं जा पा रहे हैं लेकिन घर पर ही रहकर अपनी पढ़ाई शिक्षकों के माध्यम से जारी रख रहे हैं। ग्राम कोलेन्द्रा की कुमारी लिलिमा ने कहा कि ऑनलाईन पोर्टल से सीखने के लिए यह एक बेहतरीन माध्यम है। जिसके जरिए ज्ञान-विज्ञान के द्वार हमारे लिए खुले हैं। डोंगरगढ़ विकासखंड की शासकीय प्राथमिक शाला डारागांव के रूद्रकुमार ने कहा कि कोविड-19 से बचाव करते हुए स्वयं को सुरक्षित रख ऑनलाईन पढ़ाई करना अच्छा माध्यम है। इससे हम होमवर्क भी शिक्षक के मार्गदर्शन में सरलतापूर्वक कर पा रहे हैं। ऑनलाईन पोर्टल में राजनांदगांव जिले से अब तक 8 हजार 837 शिक्षक और 49 हजार 977 विद्यार्थी पंजीयन कर नियमित पढ़ाई का लाभ ले रहे हैं।