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रत्नागिरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस की 20 अप्रैल की दो एसी की टिकटें बुक करने वाले डोंबिवली निवासी महेश द्विवेदी कहते हैं, 'जब रेलवे ने खुद टिकटें कैंसल की हैं, फिर वह प्रॉसेसिंग फी क्यों चार्ज कर रही है? उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने के बाद मुझे मेसेज मिला कि मेरी टिकटें कैंसल कर दी गई हैं और इसका रिफंड जल्द ही मेरे अकाउंट में मिल जाएगा। लेकिन जब रिफंड की रकम आई तो वह लगभग 50 रुपये कम थी। जब मैंने इस बारे में और लोगों से पूछा तो पता चला कि फुल रिफंड करने के वादे के बावजूद लोगों को आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक किए गए टिकटों का पूरा रिफंड नहीं मिला है।' नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया, 'जब कोई ट्रेन कैंसल होती है तो यात्रियों को पूरा रिफंड दिया जाता है और कन्वीन्यन्स फी के नाम पर बेहद मामूली रकम काटी जाती है। इस रकम का इस्तेमाल वेबसाइट के मेंटनेंस में होता है, जिस पर रोजाना 32 लाख रुपये और सालाना लगभग 125 करोड़ रुपये का खर्च आता है।
आईआरसीटीसी के एक प्रवक्ता ने इस शुल्क को न्यायोचित ठहराते हुए कहा, 'आईआरसीटीसी लोगों को कहीं से भी टिकटें बुक करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके लिए आईआरसीटीसी बेहद मामूली रकम चार्ज करती है, जो नॉन एसी टिकट के लिए 15 रुपये और एसी तथा फर्स्ट क्लास टिकट के लिए 30 रुपये है। एक सिंगल टिकट पर छह यात्री तक यात्रा कर सकते हैं और शुल्क का निर्धारण टिकट से होता है न कि पैसेंजर्स की संख्या से।'