छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सर्जरी की कवायद : मोर्चा, संगठन और विभागों में होगा बड़ा बदलाव

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रायपुर । 15 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद 2018 में छत्तीसगढ़ की सत्ता में आई कांग्रेस दिसंबर 2023 में सत्ता से बाहर हो गई। इसके ठीक 6 महीने बाद आए लोकसभा चुनाव के परिणामों में भी कांग्रेस को झटका लगा। पार्टी 2019 में जीती हुई 2 में से एक सीट इस चुनाव में हार गई। छत्तीसगढ़ की 11 में से कांग्रेस केवल 1 लोकसभा सीट ही जीत पाई। इन हारों के बीच पार्टी में अंतर्कलह बढ़ गया है। पार्टी के कई समर्पित नेता और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पार्टी में फिर हताशा का माहौल है।इस बीच इस साल के अंत में राज्?य में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। कांग्रेस इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करके फिर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाना चाह रही है। पंचायत और नगनरीय निकाय चुनावों में प्रदर्शन बेहतर करने के लिए पार्टी सुधार की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत संगठन में बदलाव से करने की योजना है। पहले चरण में पार्टी के मोर्चा, संगठन और विभागों में बदलाव होगा।पार्टी नेताओं के अनुसार सबसे पहले निष्क्रिय और केवल बड़े नेताओं के आशीर्वाद के दम पर कुर्सी पर बैठे नेताओं की छुट्टी की जाएगी। उनके स्थान पर परफार्मेंस के आधार पर नए चेहरों को जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत हैं। नगरीय निकाय चुनाव से पहले प्रकोष्ठों और विभागों में नई नियुक्तियां करने पर जोर दिया गया है। इससे पहले संगठनात्मक आंदोलनों में भी परफार्मेंस का आकलन किया जाएगा। इधर मोर्चा संगठनों में भी महिला कांग्रेस और एनएसयूआई में भी बदलाव की चर्चा है।नियुक्तियों के लिए संगठन की ओर से प्रस्ताव तैयार कर एआईसीसी को भेजा गया है। मोर्चा संगठनों में महिला कांग्रेस में नए अध्यक्ष को लेकर तलाश पहले ही शुरू हो चुकी है। इसके लिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का संतुलन बनाने की कोशिश हो रही है। संगठन के रणनीतिकारों का मानना है कि महिला कांग्रेस में एक तेज तर्रार नेतृत्व की जरूरत है।पार्टी सूत्रों के अनुसार कुछ महिला नेत्रियों की नामों पर विचार किया गया है। इनमें राज्?य के 5 संभाग की महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह एनएसयूआई के परफार्मेंस का भी आकलन वरिष्ठ नेताओं ने किया है। यहां भी बदलाव को लेकर कवायद हो रही है। इधर छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस में भी नए अध्यक्ष की नियुक्ति किया जाना है। किसान कांग्रेस के अध्?यक्ष ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन थाम लिया था। इसी तरह छत्तीसगढ़ आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष जनकराम ध्रुव के विधायक बनने के बाद उनके स्थान पर नए आदिवासी चेहरे को कमान सौंपा जाना तय है।