3 नये परिवर्तित कानून का शुभारंभ कर लोगो को कराया अवगत: विधायक ललित चंद्राकर

3 नये परिवर्तित कानून का शुभारंभ कर लोगो को कराया अवगत: विधायक ललित चंद्राकर
RO No.12784/129

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- दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर, नए भारत का नया कानून
- बदल रहा है अंग्रेजो के ज़माने के कानून, 
अब हम मानेंगे नए भारत का नए कानून.. 
दुर्ग। दुर्ग ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नेवई थाना नेवई में आयोजित तीन 3 नये  परिवर्तित कानून के शुभांरभ में मुख्य अतिथि के रुप ललित चंद्राकर विधायक दुर्ग ग्रामीण शमिल होकर परिवर्तित कानून के बारे में जानकारी प्रदान की ।
3 नये  परिवर्तित कानून
पहला - 1860 इंडियन पीनल कोड,अब भारतीय न्याय सहिता 2023
दूसरा - 1889सीआर पीसी,अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
तीसरा - 1872 इंडियन एबिडेंस कोड, अब भारतीय साक्ष्य संहिता 2023
इस अवसर पर दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने बताया कि रविवार रात बारह बजे से यानी एक जुलाई की तारीख शुरू होने के बाद घटित हुए सभी अपराध नये कानून में दर्ज किये जाएंगे। एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो रहा है ।
 आज एक जुलाई से लागू हो रहे आपराधिक प्रक्रिया तय करने वाले तीन नये कानूनों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एफआइआर से लेकर फैसले तक को समय सीमा में बांधा गया है। आपराधिक ट्रायल को गति देने के लिए नये कानून में 35 जगह टाइम लाइन जोड़ी गई है। शिकायत मिलने पर एफआइआर दर्ज करने, जांच पूरी करने, अदालत के संज्ञान लेने, दस्तावेज दाखिल करने और ट्रायल पूरा होने के बाद फैसला सुनाने तक की समय सीमा तय है।

आगे विधायक ने बताया कि नए कानून में महिलाओं और  बच्चों के लिए नए प्रावधान किया गया है। 
नाबालिक बच्चों के रेप से संबंधित मामले को posco के अनुरूप बनाया गया है एवम आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रवधान किया गया है। 
गैंगरेफ के सभी मामलों में 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रवधान है। 
धोखाधड़ी से यौन संबंध बनाने या बीना शादी का इरादा रखे वादा करने वाले व्यक्तियो के लिए लक्षित दंड का प्रवधान है। 
यौन उत्पीड़न के मामले में अब बयानों की वीडियो रिकार्डिंग अनिवार्य होगा 
महिलाओं के लिए E-FIR
इस अवसर पर नेवई थाना प्रभारी आनंद शुक्ला ने बताया कि नये कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे। आधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को कानून का हिस्सा बनाने से मुकदमों के जल्दी निपटारे का रास्ता आसान हुआ है। शिकायत, सम्मन और गवाही की प्रक्रिया में इलेक्ट्रानिक माध्यमों के इस्तेमाल से न्याय की रफ्तार तेज होगी। अगर कानून में तय समय सीमा को ठीक उसी मंशा से लागू किया गया जैसा कि कानून लाने का उद्देश्य है तो निश्चय ही नये कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे और तारीख पर तारीख के दिन लद जाएंगे।
 इस अवसर पर प्रमुख रूप से रिसाली नगर निगम महापौर श्रीमती शशी सिन्हा, 
 ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन, रिसाली महाविधायल प्राचार्य श्रीमति डा नाग रत्नागणवीर, नेवई थाना प्रभारी आनंद शुक्ला, सांसद प्रतिनिधि पप्पू चंद्राकर,समाज सेवी अमृत देवांगन, शंकर यादव, सोनू राम सिंग,  सभापति केशव बंछोर, पार्षद मनीष यादव , पार्षद धर्मेन्द्र भगत , भूपेन्द्र बेलचंदन, अनुपम डे, आशपुरन चौधरी, अजीत चौधरी,  रंगबहूदुर, मोहन बड़े,  नागेन्द्र पांडे, मुन्नटून चौबे , परमेश्वर शर्मा, अनुपम साहू,  विकास कुलश्रेष्ठ शंकर लाल यादव, श्रीमति ममता शर्मा, श्रीमति अनुपमा गोस्वामी, श्रीमति संध्या वर्मा, सुश्री कंचन सिंग, मोनू चौधरी व बड़ी संख्या में देव तुल्य जनता और नेवई थाना के पुलिस स्टाप उपस्थित रहे।