.. तो मोदी राज में रमन सरकार ने 25 सौ रुपए में धान क्यों नहीं खरीदा ? किसानों की कर्जमाफी क्यों नहीं की ? एमपी सहित डबल इंजिन सरकारों में किसानों को  क्यों मिल रहा धान का कम मूल्य ?

.. तो मोदी राज में रमन सरकार ने 25 सौ रुपए में धान क्यों नहीं खरीदा ? किसानों की कर्जमाफी क्यों नहीं की ? एमपी सहित डबल इंजिन सरकारों में किसानों को  क्यों मिल रहा धान का कम मूल्य ?
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- पीसीसी महामंत्री राजेंद्र साहू ने सवालों की झड़ी लगाकर भाजपा नेताओं के बयानों की धज्जियां उड़ाई

 

दुर्ग। धान खरीदी का पैसा केंद्र सरकार द्वारा देने के भाजपा नेताओं के दावे को लेकर  छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस महामंत्री राजेंद्र साहू ने सवालों की झड़ी लगाई है ? राजेंद्र ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, ओपी चौधरी सहित सभी भाजपा नेता यह राग आलाप रहे हैं कि धान खरीदी का का पैसा मोदी सरकार दे रही है। अगर यह सच है तो 2014 से 2018 तक मोदी राज में डा रमन सिंह ने किसानों से 25 सौ रुपए में धान क्यों नहीं खरीदा?

राजेंद्र ने हमला बोलते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में चार साल तक भाजपा की डबल इंजिन सरकार थी। उस वक्त रमन सरकार ने किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया ? उस समय की रमन सरकार ने किसानों से किये गए वादे के अनुरूप धान का बोनस क्यों नहीं दिया। ऐसी कौन सी आफत आ गई कि किसानों से 25 सौ रुपए में धान खरीदी नहीं की गई ?     

राजेंद्र ने भाजपा नेताओं से पूछा कि धान खरीदी का पैसा अगर केंद्र सरकार दे रही है तो एमपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, महाराष्ट्र, गुजरात में धान खरीदी 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से क्यों नहीं हो रही ? इन राज्यों में किसान 12 सौ से 13 सौ रुपए प्रति क्विटंल की दर से धान क्यों बेच रहे हैं ? डबल इंजिन सरकार के बावजूद वहां के किसान कर्ज के बोझ तले आत्महत्या क्यों कर रहे हैं ? वहां के किसानों की कर्जमाफी क्यों नहीं हुई ?

राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के बाद धान का रकबा और उत्पादन भी बढ़ा। पहली बार रिकॉर्ड 1 करोड़ 7 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई। एमपी, हरियाणा सहित भाजपा की डबल इंजिन सरकार वाले राज्यों में न तो फसल का रकबा बढ़ा, न उत्पादन बढ़ा और न रिकॉर्ड धान खरीदी हुई। राजेंद्र ने कहा कि भाजपा नेता झूठ को सौ बार बोलकर सच साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा के झूठे प्रपंच को अच्छी तरह समझ चुकी है। भाजपा नेताओं की कोशिशें कामयाब नहीं होगी।

राजेंद्र ने कहा कि अगर केंद्र सरकार 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का पैसा देती तो उन्हें छत्तीसगढ़ में ईडी और आईटी का सहारा नहीं लेना पड़ता। छत्तीसगढ़ में किसान खुश हैं। भूमिहीन मजदूरों को 7 हजार रुपए  मिलने से मजदूर खुश हैं। बेरोजगारों को रोजगार या हर माह 25 सौ रुपए भत्ता दिया जा रहा है। बिजली बिल हाफ योजना का फायदा हर वर्ग को मिल रहा है।

किसान, मजदूर, व्यापारी, उद्योगपति, युवा, महिलाओं समेत हर वर्ग के लोग भूपेश सरकार की दर्जनों कल्याणकारी योजनाओं से खुश हैं। चुनाव में कांग्रेस की जबर्दस्त जीत तय है। करारी हार को देखते हुए भाजपा द्वारा ईडी और आईटी का दुरुपयोग कर कांग्रेस नेताओं पर झूठे आरोप लगाने का काम किया जा रहा है। आगामी चुनाव में राज्य की जनता भाजपा को इसका माकूल जवाब देगी।