छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य विभागों की नौकरियों में अग्नि वीरों को आरक्षण देने सरकार के निर्णय का विरोध

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- राज्य की नौकरियों और संसाधनों में छत्तीसगढ़ निवासियों का अधिकार है - छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार ने पुलिस, जेल प्रहरी, वन रक्षक सहित अन्य सरकारी नौकरियों में सेना से बाहर निकाले गए अग्नि वीरों को प्राथमिकता और आरक्षण देने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है।
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार गुप्त ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के नौकरियों और संसाधनों में छत्तीसगढ़ निवासियों का अधिकार है इसका हनन करके अन्य प्रदेशों के निवासी अग्नि वीरों को नौकरी देना स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्य से लगभग 800 युवक अग्नि वीर के रूप में चयनित किए गए हैं सेना से बाहर निकाले जाने की स्थिति में राज्य की नौकरियों में सिर्फ छत्तीसगढ़ निवासी अग्नि वीरों को ही नौकरियों में प्राथमिकता और आरक्षण दिया जाना चाहिए अन्य प्रांतों के निवासी अग्नि वीरों को नहीं।
मंच के नेता ने कहा है कि अग्नि वीर केंद्र सरकार की योजना है जिसमें 4 साल बाद 75% अग्नि वीरों को सेना से बाहर निकाले जाने का प्रावधान है ऐसे अग्नि वीरों को केंद्र सरकार के बलों और संस्थाओं में नौकरी दिया जाना चाहिए राज्यों के नौकरियों में नहीं। मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि छत्तीसगढ़ निवासी के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर पहले से ही कम है छत्तीसगढ़ के नौजवान सरकारी नौकरियों के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं ऐसे में अग्नि वीरों को राज्य की नौकरियों में प्राथमिकता और आरक्षण दिया जाना उचित नहीं है अतः सरकार को निर्णय वापस ले लेना चाहिए।