-तेलंगाना और महाराष्ट्र तक फैला है गोरखधंधा
बीजापुर । भोपालपटनम क्षेत्र में धान और चावल के अवैध व्यापार का एक बड़ा सिंडिकेट लंबे समय से सक्रिय है। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लाखों रुपए मूल्य का धान और चावल प्रतिदिन तस्करों के माध्यम से कस्टम कर महाराष्ट्र और तेलंगाना भेजा जा रहा है। यह पूरा कारोबार सुनियोजित तरीके से संचालित हो रहा है, जिसमें स्थानीय स्तर पर कुछ प्रभावशाली तत्वों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता। सूत्रों के अनुसार, यह गोरखधंधा वर्षों से जारी है और अब यह इतना संगठित हो चुका है कि इसे एक संगठित अपराध कहा जा सकता है। तस्करों द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों का लाभ उठाते हुए धान और चावल को सीमा पार भेजा जा रहा है, जिससे शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। इस पूरे प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जहां एक ओर शासन स्तर पर बार-बार खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने के आदेश जारी किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई नगण्य दिखाई दे रही है। क्षेत्रवासियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध कारोबार पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। यदि समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो यह गोरखधंधा और अधिक फैल सकता है, जिससे न केवल आर्थिक हानि होगी बल्कि क्षेत्र की छवि भी धूमिल होगी।
ज्ञात हो कि गत सोमवार की मध्य रात्रि को अंतर्राज्यीय सीमा अर्थात छत्तीसगढ़ की सीमा इंद्रावती नदी के पार महाराष्ट्र के गढ़चिरौली तहसील सिरोंचा क्षेत्र थाना - पातागुडेम में लगभग 4.267 किलोग्राम गांजा कृष्णा ट्रैवल्स यात्री बस में पकड़ा गया। यह बस जगदलपुर से हैदराबाद चलतीं है। जगदलपुर से अंतर्राज्यीय मार्ग पर हर जगह वनविभाग और सुरक्षा विभाग के चेक पोस्ट है। लेकिन इन तीनों जिलों की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ से सटे महाराष्ट्र की सीमा में गांजा पकड़ाना अनेक प्रश्न खड़ा करता है? या तो कहे कि दाल में कुछ काला है, या पूरी दाल ही काली है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शासन-प्रशासन इस गंभीर मामले को कितनी तत्परता और सख्ती से लेता है।
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