नगपुरा। श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा में चल रही चातुर्मास प्रवचनमाला में साध्वी श्री लक्ष्ययशा श्री जी म.सा. ने कहा कि ज्ञान और आचरण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। ज्ञान वह है जो हम सीखते और पढ़कर अर्जित करते हैं, जबकि आचरण वह है जो हम करते हैं। ज्ञान को आचरण में उतारना ही उसके सही मायने में सदुपयोग है।
साध्वी श्री ने कहा कि ज्ञान हमें सही और गलत का भेद बताता है, जिससे हम सही आचरण कर पाते हैं। जब हम ज्ञान को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो वह हमारे आचरण में झलकता है। आचरण-विहीन ज्ञान मूल्यहीन है। ज्ञान सही दिशा दिखाता है और आचरण हमें उस दिशा में आगे ले जाता है। ज्ञान को व्यवहार में लाने से ही श्रेष्ठ आचरण का निर्माण होता है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्त करना आसान है, लेकिन उसे आचरण में लाना कठिन कार्य है। जिस ज्ञान से चित्त की शुद्धि हो, वही यथार्थ ज्ञान है। मनुष्य ज्ञान से पदार्थों को जानता है, दर्शन से उन पर श्रद्धा करता है, चारित्र से कर्मों के आगमन को रोकता है और तप से आत्मा को शुद्ध करता है। ज्ञान और क्रिया के संयोग से ही फल की प्राप्ति होती है। साध्वी श्री ने आराधकों से कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में सद्गुणों, सद्भावों का संग्रह करे, स्वयं के दोषों में सुधार लाए, दुर्विचार और दुर्भावनाओं को दूर करे तथा सद्गुरु के योग से परमात्मा से संबंध स्थापित करे।
प्रवचनमाला में साध्वी श्री आज्ञायशा श्री जी म.सा. ने श्री आचारांग सूत्र पर व्याख्यान देते हुए कहा कि श्रमण भगवान महावीर स्वामी ने जीवों को उपदेश दिया कि अज्ञान और मोह ही संसार में अहित और दुःख का कारण हैं। जहां परमात्मा के वचनों के प्रति विरोध नहीं है और मैत्री का भाव है, वहीं धर्म है। इस संदर्भ में उन्होंने आचार्य श्री हरिभद्र सूरीजी के जीवन की घटनाओं का विस्तार से वर्णन किया।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.