दुर्ग

इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण के अंतर्गत ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दो दिवसीय प्रशिक्षण

39120062025135456whatsappimage2025-06-20at7.23.17pm.jpeg

-मेयर अलका बाघमार व कमिश्नर सुमित अग्रवाल हुए शामिल
-मेयर बाघमार ने प्रशिक्षण में जन जागरूकता जैसे विषयों पर केंद्रित कर अपने अनुभवों को किया सांझा
दुर्ग।
स्वच्छ भारत मिशन 2•0 ट्रेनिंग सह भ्रमण कार्यक्रम इंदौर मे डोर टू डोर कचरा कलेक्शन एवं आईसीएसीसी (ICACC)  डोर टू डोर मे लगे वाहन, श्रमिको का मानीटरिंग एक स्थान पर एक ही भवन के निचे 85 वार्डो को 22 जोन कम्प्यूटर मे एफ के माध्यम किया जाता है। जिसका महापौर श्रीमती अलका बाघमार, रिसाली महापौर श्रीमती शशि सिन्हा, आयुक्त सुमित अग्रवाल, आयुक्त श्रीमती मोनिका वर्मा, कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा के अलावा छत्तीसगढ के नगर निगम के महापौर,कमिश्नर, कार्यपालन अभियंताओ द्वारा अवलोकन कर बारीकी से जानकारी प्राप्त किया। इस अवसर पर मेयर अलका बाघमार ने इंदौर में हो रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जन जागरूकता जैसे विषयों पर केंद्रित कर अपने अनुभवों को सांझा किया।
महापौर श्रीमती बाघमार ने बताया कि शहर को स्वच्छ रखने और कचरा प्रबंधन में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य नागरिकों को कचरा प्रबंधन के महत्व के बारे में शिक्षित करना और उन्हें कचरा अलग करने, पुन: उपयोग करने और वैज्ञानिक तरीके से निपटान करने के लिए प्रेरित करना होता है। 

Image after paragraph

प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु,कचरा पृथक्करण,नागरिकों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे कचरे का पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण आसान हो जाता है। कचरा संग्रहण,शहर में घर-घर जाकर कचरा संग्रहण की व्यवस्था को मजबूत किया जाता है, ताकि सड़कों पर कचरा न फैला रहे, कचरा प्रबंधन कचरे को वैज्ञानिक तरीके से संसाधित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है।जैसे कि कचरे से खाद बनाना या ऊर्जा उत्पन्न करना।
महापौर ने बताया कि जागरूकता नागरिकों को स्वच्छता के महत्व और कचरा प्रबंधन में उनकी भूमिका के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने बताया कि प्रशिक्षण के लाभ स्वच्छता प्रशिक्षण से शहर में स्वच्छता का स्तर बढ़ता है और बीमारियों का खतरा कम होता है। जिससे पर्यावरण,कचरा प्रबंधन से पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में मदद मिलती है।और आर्थिक कचरे से खाद और ऊर्जा बनाने से आर्थिक लाभ भी होता है एवं सामाजिक प्रशिक्षण से नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है। इंदौर का ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल, जो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर की सफलता का एक मुख्य कारण है, अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरणा है। इस मॉडल में, कचरा प्रबंधन को एक सामुदायिक प्रयास के रूप में देखा जाता है, जिसमें सभी नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है।

RO. NO 13286/85

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

Related News

Advertisement

97519112024060022image_750x_66bc2a84329bd.webp
RO. NO 13286/85
16001062025110914whatsappimage2025-06-01at11.52.01_c072f5ce.jpg
35214062025145422img-20250614-wa0006.jpg

Popular Post

This Week
This Month
All Time

स्वामी

संपादक- पवन देवांगन 

पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल :  dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

हमारे बारे में

हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।

सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।

logo.webp

स्वामी / संपादक- पवन देवांगन

- बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल : dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

NEWS LETTER
Social Media

Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved

Powered By Global Infotech.