हमसे नहीं किया विचार-विमर्श, ऑनलाइन ली सदस्यता
रायपुर । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यता अभियान के तहत बस्तर में 90 हजार नए सदस्यों को जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान में बूथ स्तर के नेताओं से लेकर बड़े नेता भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इसी बीच भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और अब फिर से भाजपा की ऑनलाइन सदस्यता लेने वाले आदिवासी नेता नंदकुमार साय को लेकर प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने स्पष्टीकरण दिया है।
बीजेपी छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि नंदकुमार साय ने भाजपा से कोई विचार-विमर्श किए बिना ऑनलाइन सदस्यता ली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में साय का हमेशा से सम्मान रहा है और पार्टी ने उनके खिलाफ कभी कोई टिप्पणी नहीं की। देव ने कहा कि पार्टी के साथ विचार-विमर्श के बाद साय की सदस्यता पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सदस्यता की पुष्टि होगी।
गौरतलब है कि 3 सितंबर को रायपुर के साइंस कॉलेज स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में खुद सदस्यता लेकर बीजेपी सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इसी दिन आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी की ऑनलाइन सदस्यता ली थी, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए साझा की थी।
साय राज्य में भाजपा के सबसे बड़े आदिवासी चेहरा थे लेकिन पार्टी में तव्वजो नहीं मिलने से नाराज़ होकर 30 अप्रैल 2023 को उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला कर लिया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उन्हें औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष बनाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन्हें अपने साथ राजनीतिक और शासकीय कार्यक्रमों में साथ लेकर जाते रहे। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद समीकरण बिगड़ गये। विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा के बाद सबसे पहले उनके घर पहुँचने वाले नेताओं में नंदकुमार साय भी रहे। तब से ही इस बात की अटकलें तेज हो गई थी साय घर वापसी कर सकते है।