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राज्य में अब तक 19 करोड़ के 67 हजार क्विंटल से अधिक वनोपजों का संग्रहण

राज्य में समर्थन मूल्य पर क्रय किए जा रहे 23 वनोपजों में

फूल ईमली भी शामिल: वन मंत्री अकबर

रायपुर. राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक 18 करोड़ 64 लाख रूपए की राशि के 67 हजार 174 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हो चुका है। इनमें संग्राहकों को लगभग 18 करोड़ रूपए की राशि का नगद भुगतान भी कर दिया गया है। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार वनोपजों के संग्रहण में अब तक नारायणपुर, दंतेवाड़ा, केशकाल तथा दक्षिण कोण्डागांव और बालोद वन मंडल सबसे आगे हैं। वन मंडल महासमुंद, बलरामपुर, धरमजयगढ़ तथा मनेन्द्रगढ़ में वनोपजों के संग्रहण की गति बहुत धीमी हैं। इन 4 वन मंडलों में अब तक अपने लक्ष्य का एक प्रतिशत तक भी वनोपजों का संग्रहण नहीं हो पाया है।

वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने इनकी धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित वन मंडलाधिकारियों को शीघ्र अपेक्षित गति लाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में ग्रामीण वनवासियों के हित के लिए राज्य शासन द्वारा हाल ही में अहम निर्णय लेते हुए महुआ फूल की खरीदी दर को 17 रूपए से बढ़ाकर 30 रूपए प्रति किलोग्राम कर दिया गया है। साथ ही राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या को बढ़ाकर 23 तक कर दिया गया है। इनमें हाल ही में वनोपज फूल ईमली (बीज रहित) को भी शामिल किया गया है।

राज्य में अब तक लक्ष्य का लगभग 8 प्रतिशत अर्थात 18 करोड़ 64 लाख रूपए की राशि के 67 हजार 174 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हो चुका है। इनमें वन मंडलवार नारायणपुर में 3 करोड़ 15 लाख रूपए की राशि के 10 हजार 333 क्विंटल, दंतेवाड़ा में 2 करोड़ 95 लाख रूपए की राशि के 9 हजार 658 क्विंटल, केशकाल में एक करोड़ 93 लाख रूपए की राशि के 6 हजार 571 क्विंटल और दक्षिण कोण्डागांव में 3 करोड़ 23 लाख रूपए की राशि के 10 हजार 823 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हुआ है। इसी तरह बालोद में 18 लाख रूपए की राशि के 858 क्विंटल, जगदलपुर में 2 करोड़ 66 लाख रूपए के 8 हजार 960 क्विंटल, पूर्व भानुप्रतापपुर में 50 लाख रूपए के 2 हजार 21 क्विंटल, कांकेर में 40 लाख रूपए के एक हजार 920 क्विंटल तथा पश्चिम भानुप्रतापपुर में 17 लाख रूपए के एक हजार 17 क्विंटल वनोपज का संग्रहण हो चुका है।

वन मंडलवार सुकमा में 76 लाख रूपए की राशि के 2 हजार 663 क्विंटल, खैरागढ़ में 31 लाख रूपए के एक हजार 40 क्विंटल, धमतरी में 30 लाख रूपए के एक हजार 69 क्विंटल, बीजापुर में 46 लाख रूपए के 2 हजार 36 क्विंटल, कवर्धा में 15 लाख रूपए के 549 क्विंटल तथा रायगढ़ में 11 लाख रूपए के 809 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हुआ है। इसी तरह बिलासपुर में 9 लाख रूपए के 388 क्विंटल, गरियाबंद में 28 लाख रूपए के एक हजार 135 क्विंटल, बलौदाबाजार में 12 लाख रूपए के 661 क्विंटल, कोरबा में 12 लाख रूपए के 662 क्विंटल तथा राजनांदगांव में 2 लाख रूपए के 156 क्विंटल वनोपज का संग्रहण हो चुका है। कटघोरा में 7 लाख रूपए 346 क्विंटल, कोरिया में 10 लाख रूपए के 604 क्विंटल, मरवाही में 5 लाख रूपए के 393 क्विंटल, सूरजपुर में 13 लाख रूपए के 552 क्विंटल तथा जशपुर में 10 लाख रूपए के 473 क्विंटल वनोपजों का संग्रहण हुआ है। सरगुजा में 7 लाख रूपए के 338 क्विंटल, महासमुंद में 3 लाख रूपए के 171 क्विंटल, बलरामपुर में 8 लाख रूपए के 379 क्विंटल, धरमजयगढ़ 7 लाख रूपए के 380 क्विंटल और मनेन्द्रगढ़ में 3 लाख रूपए के 196 क्विंटल वनोपज का संग्रहण हो चुका है।