जल्दी-जल्दी भोजन करना सेहत के लिए है नुकसानदायक, हो सकती हैं ये समस्याएं

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रायपुर. राजधानी रायपुर (Raipur) में जिला अस्पताल की डॉ. वर्षा मेघानी और उनके स्कूल फ्रैंड्स (School Friends) ने कभी सोचा भी नहीं था कि लॉकडाउन (Lockdown 4.0) के दौरान बनाए गए उनके व्हाट्सएप ग्रुप (WhatsApp Group) से वे कभी कोरोना संकटकाल में मजदूरों की मदद करेंगे. दरअसल वर्षा ने रायपुर के आदर्श विद्यालय स्कूल 2002 बैच के पूर्व छात्रों का ये ग्रुप केवल रियूनियन के लिए बनाया गया था. लॉकडाउन के दौरान इस ग्रुप में पुराने स्कूल फ्रैंड एक के बाद एक जुड़ते गए और फिर सबने सोचा की इस संकटकाल में ग्रुप के सदस्य एक साथ पैसे जमा कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं. प्रवासी मजदूरों की स्थिति देखकर सभी ने फैसला किया की वे अपनी तरफ से मजदूरों को जितनी भी मदद हो सके करेंगे. इसलिए उन्होंने प्रदेश में आ रहे प्रवासी मजदूरों को भोजन पैकेट, पानी, बिस्किट, स्नैक्स, सैनिटाइजर, गमछा, साबुन जैसी चीजें उन तक पहुंचाने का काम शुरू किया. सबसे खास बात ये रही की ग्रुप की महिला सदस्यों ने प्रवासी महिला मजदूरों के स्वास्थ्य का ध्यान में रखते हुए सैनिटरी नैपकिन्स का भी वितरित कर रहे हैं. एक वाट्सएप ग्रुप ऐसे बना मजदूरों का मददगार ग्रुप सभी सदस्य का हाल ही में रियूनियन ग्रुप बना और सभी सदस्य देश-विदेश में सभी विधाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस ग्रुप में ऐसे भी सदस्य हैं जो वर्तमान इस राज्य में, इस देश में नहीं रह रहे हैं. उन्होंने भी अपना योगदान देकर इस नेक पहल को सफल बनाया है. डॉ. वर्षा ने बताया कि धीरे-धीरे ग्रुप में स्कूल के 126 एक्स स्टूडेंट्स जुड़ गए हैं. सभी ने ये फैसला लिया है कि वे इसी तरह आगे भी अपने कार्यक्षेत्र, समाज तथा देश के प्रति अपने दायित्व को सामूहिक रूप से निर्वहन करेंगे और समाज में अपना योगदान देते रहेंगे.ग्रुप के सदस्य विनय अरोरा ने बताया कि पहले ग्रुप के कुछ ही सदस्य आगे आए और अब पूरा ग्रुप मिलकर सहयोग कर रहा है. विनय का कहना है कि जरूरतमंदों के लिए ये मदद आगे भी जारी रहेगी. अब अगला टारगेट कुपोषण के खिलाफ होगा जिसमें कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रुप के सदस्य मदद की कोशिश करेंगे.