नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निजामुद्दीन के मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने वाले 960 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ये विदेशी नागरिक भारत में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ज्यादातर इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान जैसे देशों से आए थे। ये देश के करीब 824 अलग-अलग हिस्सों में चले गए, वहीं 216 विदेशी नागरिक निजामुद्दीन मरकज में मौजूद थे।
देश में कोरोना वायरस के प्रसार के चलते दिल्ली में धार्मिक समारोह पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद, तबलीगी जमात से जुड़े करीब 2361 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में कई दिनों तक साथ रहे, जिससे कोरोना मामलों में उछाल आया था। इनमें कई लोग विदेशी नागरिक भी थे। इतना ही नहीं, करीब 824 विदेशी नागरिक देश के अलग-अलग हिस्सों में ‘चिल्ला’ गतिविधियों में शामिल हुए। तेलंगाना से पहला तबलीगी जमात का कोरोना मामला सामने आने पर केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आई थी और देश में जमात के सभी लोगों और उनके संपर्क की तलाश और उनके क्वारंटाइन का सिलसिला शुरू हुआ।
लॉकडाउन के बाद पूरा घटनाक्रम सामने आने के बाद मरकज की ओर से कहा गया था कि वह 24 मार्च से लगातार पुलिस और प्रशासन के संपर्क में थे। मरकज से लोगों को बाहर निकालने के लिए कर्फ्यू पास की मांग कर रहे थे। 28 मार्च को एसडीएम और डब्ल्यूएचओ की टीम कुछ लोगों को जांच के लिए भी ले गई थी। इससे पहले 6 लोगों को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। हालांकि, इसके बाद दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले 1500 लोगों को उनके घर भेज दिया था।
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