केंद्र सरकार के जनविरोधी नीतियों और बढ़ती महंगाई के विरोध मे एनएसयूआई का प्रदर्शन

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नई दिल्ली । कोरोना महामारी से निपटने और इससे बचाव के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति भी कारगर साबित हो रही है। इस विषय पर आयुष मंत्रालय 60 स्थानों पर शोध और अध्ययन कार्य कर रहा है। आयुष मंत्रालय का दावा है कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है और साथ में कारगर इलाज भी होता है। कोरोना काल में आयुष मंत्रालय के नए कदमों के बारे में मंत्रालय के सचिव पदमश्री वैद्य राजेश कोटेचा से खासबात चीत की गई। पेश है मुख्य अंश - सवाल: कोरोना से निपटने के लिए आयुष मंत्रालय की क्या योजनाएं हैं? कोरोना महामारी पर आयुष मंत्रालय भी बड़ी संख्या पर अध्ययन कर रहा है। मंत्रालय ने 60 अध्ययन कार्यों की शुरुआत की है। इसमें आयुष के सभी चिकित्सा पद्धतियों में काम चल रहा है जिसमें होम्योपैथी, सिद्धा, योग, आयुर्वेद, यूनानी शामिल है। इन सभी अलग-अलग पद्धतियों में शोध और अध्ययन का काम तेजी से चल रहा है। तीन महीने में इन सभी अध्ययन और शोध कार्यों के नतीजे लोगों के सामने होंगे। सवाल: कोरोना के उपचार में प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां कितनी कारगर साबित हो सकती है? कोरोना एक नई बीमारी है। इसके इलाज के लिए दुनिया भर में शोध कार्य चल रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने भी इसके लिए औषधि तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। एक शोध का काम स्वास्थ्य मंत्रालय और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसके तहत चार औषधियों पर काम चल रहा है। इसके अलावा मंत्रालय हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के साथ अश्वगंधा के असर पर भी अध्ययन कर रहा है। शुरुआती नतीजों से आयुष की पद्धतियां कारगर दिखाई दे रही है लेकिन शोध के नतीजों के बाद ही पुष्ट रूप से कहना सही होगा। सवाल: इन सभी अध्ययनों के कुछ शुरुआती नतीजों के बारे में बताए? इन सभी अध्ययनों के शुरुआती नतीजे बेहद उत्साहजनक है। जिनका भी आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक पद्धति से इलाज किया जा रहा है उनको संक्रमण नहीं हुआ है और अगर हुआ भी तो वे लोग एसिम्टोमैटिक निकले हैं। इसके लिए एक उदाहरण देना चाहूंगा कि गुजरात में 507 कोरोना के मरीजों को होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज किया जा रहा है। इनमें से सिर्फ चार लोगों को ही अस्पताल में रेफर करना पड़ा है। बाकी सब सात दिनों के अंदर ही कोरोना निगेटिव हो गए। यह नतीजे अभी शुरुआती हैं। इसे वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध किया जाना है लेकिन असर तो दिखाई दे रहा है। सवाल: कोरोना काल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए क्या कुछ तैयारियां चल रही हैं ? अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस बार लेह में मनाने की तैयारियां थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण भव्य समारोह तो नहीं किया जा सकता। इसलिए इस बार इसे वर्चुअल तरीके से ही मनाया जाएगा। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर योग के विभिन्न आयामों से लोगों को रूबरू कराया जाएगा। सवाल: कोरोना से बचने के लिए लोग किस तरह योग से अपने आपको फिट रख सकते हैं? देखिए, सबसे जरूरी बात यह है कि लोगों को कोरोना से डरने की जरुरत नहीं है। लोगों को इससे बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। इस बीमारी में योग और ध्यान से लोगों को काफी लाभ पहुंचा रहा है। यह सिद्ध भी हो चुका है। आयुष मंत्रालय ने अपने कई योग सेंटरों पर इन दिनों ऑनलाइन योग के कोर्स करवाए हैं। मोरार जी देसाई योग संस्थान में ऑनलाइन योग कोर्स कराए जा रहे हैं। लोग इन सभी कोर्स का लाभ उठा सकते हैं।