दुर्ग के कई वार्डों में कुत्तों का आतंक, निगम का स्वास्थ्य विभाग बेपरवाह

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-टेंडर नहीं होने का हवाला देकर स्वास्थ्य विभाग छिपा रहा है अपनी नाकामी


दुर्ग । शहर में इन दिनों लावारिस कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। जिससे लोग अपने वार्ड व अन्य स्थानों पर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति लोगों में लावारिस कुत्तों को लेकर दहशत पैदा किए हुए है। इस दिशा में शिकायतों के बावजूद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीरता नहीं दिखाया जाना समझ से परे है। जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर पीड़ितों के अलावा उनके परिजनों व आम लोगों में आक्रोश का माहौल है। पिछले हफ्तेभर ़में शहर के कई स्थानों पर कुत्ता काटने व कुत्तों के झुंड के दौड़ाने की शिकायतें मिली है। इन घटनाओं में गायत्री मंदिर वार्ड क्रमांक-25 स्थित अप्सरा टॉकीज के पीछे और केलाबाड़ी वार्ड क्रमांक- 41 स्थित रजा कॉलोनी में सामने आई कुत्ते की काटने और कुत्तों की झुंड द्वारा दौड़ाने की घटना ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया है। बताया गया है  कि गायत्री मंदिर वार्ड अंतर्गत अप्सरा टॉकीज के पीछे क्षेत्र से सोमवार की सुबह एक 72 वर्षीय बुजूर्ग महिला हेमैन बाई गुजर रही थी। इस दौरान उस पर एक कुत्ता ने हमला कर दिया। कुत्ते ने बुजूर्ग महिला के पैर में काटकर उसे जख्मी कर दिया। बताया गया है कि दो दिन पहले इसी क्षेत्र में उक्त कुत्ते द्वारा गायक गौरव बजाज की पत्नि सरिता बजाज को भी काटकर अपना निशाना बनाया था। जख्मी बुजूर्ग महिला को वार्ड के पार्षद व पूर्व सभापति राजकुमार नारायणी के मदद से उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। घटना की पार्षद श्री नारायणी द्वारा नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अधिकारी से शिकायत कर वार्ड में कुत्तों के आतंक से लोगों को राहत दिलाने उचित व्यवस्था करने कहा गया। इस पर स्वास्थ्य विभाग अधिकारी द्वारा कोई ठोस कदम उठाए बगैर कुत्ता पकड़ने का अभी टेंडर नहीं होने का हवाला देते हुए अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लिया गया। इससे आक्रोशित पार्षद राजकुमार नारायणी ने कहा है कि नगर निगम लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दिलवा पा रही है। जिससे लोग हलाकान-परेशान है। नगर निगम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को जनता की समस्याओं की सुध लेने की फुर्सत नहीं है। शहर में लावारिस कुत्तों के काटने की समस्या गंभीर है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग अधिकारी को इस समस्या से निपटने कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनानी चाहिए,लेकिन स्वास्थ्य विभाग अधिकारी द्वारा कुत्ता पकड़ने का टेंडर जारी नहीं होने का हवाला देना अपने दायत्विों व कर्तव्यों से एक तरह से मुंह मोड़ने के समान है। जो जनहित में कतई न्यायसंगत नहीं है।
दूसरी घटना केलाबाड़ी वार्ड क्रमांक-41 की है। यह वार्ड नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग प्रभारी हमीद खोखर का वार्ड है। यहां कुत्तों के आतंक से वार्डवासियों में दहशत का माहौल है। दो दिन पहले वार्ड अंतर्गत आने वाले क्षेत्र रजा कॉलोनी में दिलशाह खान की पत्नि पास के दुकान जा रही थी। इस दौरान महिला को कुत्तों के झुंड ने घेर लिया। अगर राह चलते लोग समय पर आकर कुत्तों के झुंड को भगाते नहीं, तो महिला के बुरी तरह से घायल होने से इंकार नहीं किया जा सकता था। कुत्तों के झुंड के दौड़ाने की यह घटना सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुआ है। यह फुटेज वायरल भी हो रहा है। जिसने भी इस फुटेज को देखा उसके रौंगटे खड़े हो गए है। घटना के बाद से पीड़ित महिला भयभीत है। अगर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग प्रभारी के वार्ड में कुत्तों के आतंक की यह स्थिति है, तो दूसरे वार्डों में क्या स्थिति होगी, यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। घटना पर केलाबाड़ी वार्ड के शमीम खान के अलावा अन्य लोगों ने वार्ड के पार्षद पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। उन्होने कहा है कि वार्ड में साफ-सफाई का अभाव है। जिसकी वजह से कुत्तों का झुंड अक्सर देखा जा सकता है। इसके पूर्व गयानगर, सिकोला बस्ती, कसारीडीह,सुभाषनगर के अलावा अन्य क्षेत्रों के  लोग कुत्ता काटने व कुत्तों के झुंड के दौड़ाने की घटना के शिकार हो चुके है। बहरहाल, नगर निगम के जिम्मेदारों को कुत्ता काटने की घटना पर विराम लगाने ठोस कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है, ताकि लोग अपने आप को वार्ड व शहर के अन्य स्थानों में सुरक्षित महसूस कर सके।