प्रदेशभर के 12 लोककलाकार पुरोधा कला सम्मान से सम्मानित

प्रदेशभर के 12 लोककलाकार पुरोधा कला सम्मान से सम्मानित
RO No.12784/129

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-कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की मची धूम, नाचते गाते रहे कलाप्रेमी
दुर्ग । मया के सन्देश लोककला संस्था व हमर दुर्ग लोककला संस्था के संयुक्त बैनरतले  राजेन्द्र पार्क  में स्व. डॉ. स्वर्णकुमार साहू सुप्रसिद्ध नायक(चरणदास चोर) की स्मृति में प्रदेशभर के बहुमुखी प्रतिभा के धनी 12 लोक कलाकारों को पुरोधा कला सम्मान से सम्मानित किया गया। कलाकारों को यह सम्मान प्रदेश राईस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ फिल्म इण्डस्ट्री एसोसिएशन अध्यक्ष योगेश अग्रवाल, दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव व अन्य अतिथियों के हाथों प्रदान किया गया। सम्मान प्राप्त करने वालों कलाकारों में संतोष झांझी  प्रसिद्ध साहित्यकार गीतकार, रेख बसंती तेलासी प्रथम नृत्यांगना, लोक कलाकार, रेखा जलक्षत्री प्रसिद्ध भरथरी लोककलाकार,पंडित विवेक शर्मा भजन सम्राट, लक्ष्मीनारायण पाण्डे, शकील खान, अनुराधा दुबे, लक्ष्मण राम यादव, नकुल महलवार, संजय मैथिल, विजय चंद्राकर, पवन गुप्ता, सावित्री कहार, जागेश्वरी मेश्राम, फिल्म अभिनेत्री निशा चौबे, सारू दुबे के नाम शामिल है। इसके अलावा लोककला से जुड़े सौ कलाकारों को मोमन्टो एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके पहले लोक कलाकार उर्वशी साहू ने कार्यक्रम के आयोजन को लेकर स्वागत भाषण दिया। जिसमें उन्होने कार्यक्रम की रूपरेखा से उपस्थित कलाप्रेमियों को अवगत कराया। छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्रीज एसोसिएशन अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे पुरोधा ही हमारी बहुमुल्य धरोहर है।

इसे सदा हमें याद रखना, स्मरण करना और उनके बताए मार्गों पर हमे चलने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में छालीवुड के फिल्मों की अपार संभावनाएं हैं। दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव ने कहा कि हमर दुर्ग में ऐसे बड़े आयोजन होना आवश्यक है। लोक कलाकारों द्वारा हमारी संस्कृति, संस्कार व परम्पराओं को सदियों से पीढ़ी दर पीढी लोककला के माध्यम से हस्तांतरित किया जा रहा है। हमर दुर्ग लोककला संस्था अध्यक्ष शिवाकान्त तिवारी ने कहा कि हमर छत्तीसगढ़ के बोली भाखा, हमर तिज-तिहार ,हमर लोककला संस्कृति में कलाकारों द्वारा अपने कला के माध्यम से छग महतारी की सेवा में लगे कलाकारों का मान सम्मान करने से हम धन्य हैं। कार्यक्रम में पंडित विवेक शर्मा ने अपने गीतों से समां बांधी। उनके गीतों में लोग नाच उठे। लक्ष्मीनारायण पाण्डे के गीत हाय रे मोर मनीषा गीत पर लोग झूम उठे, वहीं भरथरी लोकगायिका रेखा जलक्षत्री की प्रस्तुति ने खुब तालियां बटोरी, सवित्री कहार के चोला माटी हे राम ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। मया के संदेश लोक कलाकारों द्वारा पारम्परिक गीतों की प्रस्तुति दी गई। विशेष रूप से स्वरागनी डांस गु्रप रतनपुर की प्रस्तुति पर लोग झूम उठे।  कार्यक्रम का संचालन उर्वर्शी साहू और आभार प्रदर्शन शिवाकान्त तिवारी ने किया। कार्यक्रम में दुर्ग,भिलाई, रायपुर रायगढ़, धमतरी, बिलासपुर, बालोद के अलावा प्रदेशभर से लोककलाकार, फिल्म कलाकार व कलाप्रेमी बड़ी संख्या में  जुटे।