लोक मड़ई: आली आरा का अतुलनीय आयोजन, मुसराखुर्द में सजा भव्य अयोध्याधाम...   

लोक मड़ई: आली आरा का अतुलनीय आयोजन, मुसराखुर्द में सजा भव्य अयोध्याधाम...   
RO.NO. 12945/82

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  - श्री रामलला के दर्शन हेतु उमड़ता जैनसैलाब,   
अभिसंरचना बना आस्था का केन्द्र
                                      राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ संस्कृति की महक समूचे विश्व को प्रभावित करता है! छत्तीसगढ़ संस्कृति की लोककला , लोकगीत, लोकनृत्य जैसे अनेक विधाओं को एक मंच में वर्षों से "लोकमड़ई". संस्था आलीआरा ने जोड़कर जनमानस के बीच मिट्टी की खुश्बू को आज भी बरकरार रखा है। विगत तीस वर्षों से लोकमड़ई संस्था के संस्थापक-संयोजक - अध्यक्ष दलेश्वर साहू विधायक डोगरगाँव प्रतिवर्ष डोगरगाँव विधानसभा के अलग- अलग ग्रामों में लोक मड़ई का आयोजन करते आ रहे हैं। इस वर्ष यह आयोजन  24 फरवरी से 26 फरवरी तक मुसरा खुर्द में किया गया है। विधायक दलेश्वर साहू लोक मड़ई को परिभाषित करते हुए बतलाते हैं कि- लोकमड़‌ई छत्तीसगढ़ संस्कृति की संरक्षक- संवर्धक एवं संवाहक संस्था है ! इस संस्था के माध्यम से छत्तीसगढ़ी कला को बढावा देने के साथ-साथ साहित्य के क्षेत्र में भी अद्वितीय कार्य किया गया। छत्तीसगढ़ लोक गीतों पर आधारित शोध साहित्य "दशमत कैना" "कुँवर अछरिया" का प्रकाशन संस्था द्वारा किया गया था, इस पुस्तक के आलेख पर विदेश के हिन्दी साहित्यकारों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ लोक गीत को खूब सराहा है। आज समूचे विश्व में "अयोध्याधाम" की चर्चा है, अयोध्या में नव प्रतिष्ठित भव्य मंदिर एवं विराजित श्री रामलला के दर्शन करने करोड़ो नेत्र प्रतिक्षारत है। इस पीड़ा को मेरी पत्नि जयश्री साहू-  पुत्र रजत साहू ने अभिभूत होकर भावना व्यक्त करते हुए कहा कि - " कसम राम की खाते है- दर्शन यहीं करायेगें "!  इनके भावनाओं में अंकुरित बीज का परिणाम है- आज मुसरा खुर्द में भव्य अयोध्या धाम की संरचना की गई है।

सैकड़ों सहयोगीयो, कार्यकर्ताओ ने दलगत राजनीति भावनाओं से ऊपर उठकर इन भावनाओं को सम्मानित करते हुए आयोजना में भरपूर सहयोग दिए । लोक मड़ई के तत्वाधान में कलकत्ता - हैद्राबाद- राजकोट- आदि स्थानों के कलाकारों ने परिकल्पना को साकार किया है।
मुसरा खुर्द के विशाल मैदान में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर की संरचना की गई है, लगभग एक किमी दूर पर भव्य अयोध्या प्रवेश द्वार का कलात्मक निर्माण किया गया है। प्रवेश द्वार से लेकर मंच एवं मंदिर गर्भगृह तक चारों ओर प्रभु श्री राम के अवतरण से लेकर विभिन्न जीवन लीलाओ को चलचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। ऋषि मुनियों की तपस्या - शबरी की प्रतिक्षा- निषादराज गुहा की भक्ति- गंगापार - सुग्रीव मिलाप जैसे अनेको प्रसंगो की जीवंत प्रदर्शनी लगाया गया है! श्वेत संगमरमर के समान दृश्य होने वाले मंदिर के गर्भगृह में श्री रामलला की मनोहारी प्रतिमा प्रतिष्ठित किया गया है। लोकमड़ई के इस अद्वितीय संरचना एवं अभिकल्पना ने जनमानस के बीच श्रद्धा-भक्ति- समर्पण को पुनर्जीवित कर दिया है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में ग्रामवासीयों  का जन सैलाब दर्शन के लिए पहुँच रहे है! लोकमडई स्थल पर छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी के साथ ही हाट बाजार झूला भी आकर्षण का केन्द्र है। विगत 24 फरवरी से प्रत्येक रात्रि को छत्तीसगढ़ के नामी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दिया जा रहा है। बड़े-बड़े एल.ई.डी के माध्यम से रात्रिकालिन साँस्कृतिक कार्यक्रमों को दिखाया जा रहा है । प्रतिदिन 30-40 हजार की भीड़ सामान्य है। उल्लेखनीय है कि विधायक दलेश्वर साहू स्वयं गायन-वादन में पारंगत होने के साथ ही प्रबुद्ध मानस मर्मज्ञ है, छत्तीसगढ़ की लोककला- लोकगीत - लोकनृत्य- एवं साहित्य को विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए सदैव चिंतनशील रहते हैं। छत्तीसगढ़ शासन को लोकमड़ई के चिंतन - अभिकल्पना - और आयोजना को उदाहरण के रूप में लेकर इस तर्ज पर प्रत्येक जिला स्तर पर ऐसे आयोजन का क्रियान्वयन करना चाहिए ।