दुर्ग-भिलाई

जिला न्यायालय दुर्ग में दुर्ग संभाग के न्यायिक अधिकारियों हेतु कम्प्यूटर कौशल संवर्धन कार्यक्रम

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, बिलासपुर के तत्वावधान में जिला न्यायालय दुर्ग में दुर्ग संभाग के न्यायिक अधिकारियों हेतु कम्प्यूटर कौशल संवर्धन कार्यक्रम (COMPUTER SKILL ENHANCEMENT PROGRAMME – LEVEL-I एवं LEVEL-II) का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिनांक 20 दिसम्बर 2025 को जिला न्यायालय दुर्ग के नवीन कॉन्फ्रेंस हॉल में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में दुर्ग संभाग के अंतर्गत बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, कबीरधाम एवं राजनांदगांव जिलों के समस्त न्यायिक अधिकारियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य न्यायिक अधिकारियों की सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित दक्षताओं को सुदृढ़ करना तथा न्यायालयीन कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी एवं तकनीक-सक्षम बनाना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 10:30 बजे उद्घाटन सत्र से हुआ। उद्घाटन सत्र में न्यायालयीन अभिलेखों का डिजिटलीकरण, पेपरलेस कोर्ट की अवधारणा, न्यायालयीन कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग, ई-साक्ष्य (डिजिटल साक्ष्य प्रबंधन), ई-कॉपींग, हाईकोर्ट फास्टर मेल सेवा, ई-एससीआर पर जजमेंट सर्च, CCTNS, ICJS, मेरी पहचान तथा CIS 4.0 जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण एवं हैंड्स-ऑन सत्र आयोजित किए गए। प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर श्री प्रतीक टेम्भुरकर, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी, रायगढ़ एवं मास्टर ट्रेनर सुश्री सतप्रीत कौर छाबड़ा, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी, बालोद (डोंडीलोहारा) द्वारा प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों का स्वागत पर्यावरण अनुकूल पौधे भेंट कर किया गया। साथ ही जिला न्यायालय के मध्यस्थता केन्द्र, दुर्ग द्वारा प्रकाशित पुस्तक “सद्भाव एवं समाधान की यात्रा” की प्रति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम एवं राजनांदगांव से उपस्थित मुख्य अतिथियों को उनके-अपने जिलों से संबंधित अपराध विषयक, केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध बंदियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स भेंट स्वरूप प्रदान की गईं।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के संदेश से प्रेरित होकर दुर्ग जिले में बच्चों की सुरक्षा हेतु संचालित नवीन पहल “बाल सुरक्षा ब्रिगेड” के संबंध में भी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग की ओर से तकनीकी विषयों पर आधारित आकर्षक रंगोली बनाई गई। साथ ही केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध बंदियों, पैरालीगल वालेंटियर्स तथा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के कर्मचारियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे प्रतिभागियों ने सराहा। कार्यक्रम का समापन सकारात्मक प्रतिक्रियाओं एवं तकनीकी दक्षता को और सुदृढ़ करने के संकल्प के साथ हुआ।

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