मुंबई। भारतीय सिनेमा की एक युग-परिचित हस्ती, महान अभिनेता धर्मेंद्र जी अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है, और इस खबर ने अभिनय-जगत में गहरे शोक की लहर दौड़ा दी है।
विरासत और योगदान ..
धर्मेंद्र, जिन्हें बॉलीवुड में “ही-मैन” कहा जाता था, का फिल्मी करियर करीब छह दशकों तक फैला रहा, और उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा।
उनकी स्मृति में फिल्में जैसे “शोले”, “चुपके चुपके”, “सेता और गीता”, “मेरा गाँव मेरा देश” आदि आज भी सुनहरे अध्याय हैं।
उनका अभिनय बहुआयामिक था — रोमांटिक, एक्शन, कॉमेडी — और उन्होंने हर भूमिका में अपनी सहजता और शक्ति का मेल दिखाया।
व्यक्तिगत जीवन और स्वभाव ..
धर्मेंद्र का व्यक्तित्व उतना ही सम्मान और प्रेम का पात्र था, जितना कि उनके अभिनय-शैली। उनकी सादगी, जिंदादिल मुस्कान और विनम्र स्वभाव ने उन्हें न सिर्फ बड़े पर्दे पर, बल्कि जीवन के असली रंग-ढंगों में भी प्रिय बना दिया।
उनकी पारिवारिक ज़िंदगी भी रोमांच से भरपूर रही — पहली पत्नी प्रकाश कौर, दूसरी पत्नी और अभिनेत्री हेमा मालिनी, और उनके चार बच्चों में से कुछ (जैसे सनी देओल, बॉबी देओल) ने भी अभिनय में नाम कमाया।
अंतिम समय और स्वास्थ्य ..
इस साल अक्टूबर में धर्मेंद्र जी को सांस की तकलीफ के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कुछ सप्ताह बाद उन्हें डिस्चार्ज कर घर पर ही इलाज जारी रखने का फैसला किया गया था।
आज दोपहर उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर से न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे फिल्म जगत में गहरा शोक व्याप्त है।
बॉलीवुड और मनोरंजन जगत से उमड़ी संवेदनाएँ — कई दिग्गजों ने धर्मेंद्र जी को “एक युग का अंत” बताया।
प्रसिद्ध निर्देशक करण जौहर ने उन्हें “बोनाफाइड लेजेंड”, “हीरो की मिसाल” और “सबसे प्यारा इंसान” करार दिया।
प्रशंसकों, सह-कलाकारों और सिनेमा प्रेमियों का कहना है कि उनका वजूद, उनकी यादें और उनकी फिल्में सदैव ज़िंदा रहेंगी — क्योंकि धर्मेंद्र जी सिर्फ एक अभिनेता नहीं, एक प्रेरणा थे।
धर्मेंद्र जी का जाना न केवल एक महान अभिनेता की कमी है, बल्कि हिंदी सिनेमा के उस सुनहरे दौर का अंत भी है जिसे उन्होंने अपनी मेहनत, करिश्म और सरलता से सजाया था। उनके उत्कृष्ट अभिनय, अमर किरदारों और इंसान-स्वभाव ने उन्हें विशेष स्थान दिलाया, जिसे लोग हमेशा सम्मान और प्यार के साथ याद करेंगे।
इस दुःखद मौके पर, हमारी संवेदनाएँ धर्मेंद्र जी के परिवार, मित्रों और फ़ैंस के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।
संपादक- पवन देवांगन
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