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एसआईआर में सिर्फ 60 लाख मतदाताओं का होगा वेरिफिकेशन

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-राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का लेना होगा सक्रिय सहयोग
-आज से छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची पुनरीक्षण शुरू
रायपुर । 
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर छत्तीसगढ़ की मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। आयोग के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में कुल दो करोड़ मतदाता है, इनमें से 5 प्रतिशत यानी 60 लाख मतदाताओं को आयोग के निर्देशानुसार आधार कार्ड, पेन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज देना होगा।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य में एसआईआर कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस कार्यक्रम को लेकर कई सवाल उठाए हैं। मुुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसका स्वागत किया है, उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने भी आयोग के निर्णय का स्वागत किया है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिना राजनीतिक दलों के सहयोग से यह कार्यक्रम सम्पन्न नहीं हो सकता। अधिकारी सिर्फ औपचारिक काम करते हैं। एक मतदान केन्द्र में कम से कम 1200 मतदाता होते है, जिनका नाम पता एवं व्यक्ति संपर्क करना काफी कठिन होता है।
यह बैठक कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ के सभागार में आयोजित की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को पुनरीक्षण कार्यक्रम की तिथियों और अन्य आवश्यक जानकारियों से अवगत कराना था।
प्रत्येक मतदान केंद्र में लगभग 1,000 मतदाता होते हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए एक बूथ स्तरीय अधिकारी होता है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कई मतदान केंद्र होते हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी होता है। ईआरओ एक उप-मंडल मजिस्ट्रेट स्तर का अधिकारी होता है, जो कानून के अनुसार: मसौदा मतदाता सूची तैयार करता है।
दावों और आपत्तियों को प्राप्त करता है और उन पर निर्णय लेता है। और अंतिम मतदाता सूची तैयार करता है और प्रकाशित करता है। प्रत्येक तहसील के लिए सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी होता है। जिला मजिस्ट्रेट ईआरओ के निर्णय के विरुद्ध प्रथम अपील की सुनवाई करते हैं। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) के निर्णय के विरुद्ध द्वितीय अपील की सुनवाई करते हैं।
बी.एल.ओ, (बूथ स्तरीय अधिकारी) नए मतदाता को शामिल करने के लिए फॉर्म 6 और घोषणा पत्र एकत्र करेंगे और मिलान/लिंकिंग (आधार से जोडऩा) में सहायता करेंगे। मतदाता को ई.एफ. भरने में मदद करेंगे उसे एकत्र करेंगे और ई.आर.ओ./ए.ई.आर.ओ. को जमा करेंगे। प्रत्येक मतदाता के घर का कम से कम 3 बार दौरा करेंगे। मतदाता, विशेषकर शहरी मतदाता/अस्थायी प्रवासी, ई.एफ. ऑनलाइन भी भर सकते हैं। इसके अलावा बीएलओ मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित तथा एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं की पहचान करेंगे । गणना चरण के दौरान ई.एफ.  के अलावा, ई.एफ. के साथ कोई अन्य दस्तावेज एकत्र करने की आवश्यकता नहीं है।
ईआरओ/एईआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पात्र नागरिक छूटा नहीं है; और कोई भी अपात्र व्यक्ति शामिल नहीं है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ईआरओ के फैसले के खिलाफ पहली अपील की सुनवाई करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डीएम के निर्णय के खिलाफ दूसरी अपील की सुनवाई करेंगे।

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