दुर्ग। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन और प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में 13 सितम्बर 2025 को जिले के विभिन्न न्यायालयों में तृतीय नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुल 6,48,572 प्रकरणों का निराकरण हुआ और 79 करोड़ 3 लाख 18 हजार 60 रुपये की समझौता राशि पारित की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला न्यायालय परिसर दुर्ग में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर कुटुंब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, अधिवक्ता संघ दुर्ग के पदाधिकारी, न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण, विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
29 खण्डपीठों का गठन ..
नेशनल लोक अदालत हेतु जिले में कुल 29 खण्डपीठों का गठन किया गया। इनमें जिला न्यायालय दुर्ग में 20, कुटुंब न्यायालय में 03, तहसील न्यायालय पाटन में 02, भिलाई-3, धमधा, किशोर न्याय बोर्ड एवं स्थायी लोक अदालत में 01-01 खण्डपीठ बनाए गए। साथ ही राजस्व न्यायालयों में भी मामलों का निराकरण किया गया।
स्वास्थ्य एवं सामाजिक सहयोग ..
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, दुर्ग के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। डॉ. निवेदिता गार्डिया एवं अन्य कर्मचारियों ने सेवाएं प्रदान कीं। बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं, पक्षकारों एवं आमजनों ने जांच करवाई। साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट वेन भी उपलब्ध रही।
गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह एवं श्री गुरूसिंह सभा गुरुद्वारा के सहयोग से लगभग 700 लोगों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई।
महत्वपूर्ण प्रकरणों का निराकरण ..
बैंक ऋण मामला: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आदर्श नगर शाखा का एक प्री-लिटिगेशन मामला, जिसमें 11 लाख का ऋण शेष था, आपसी राजीनामे से निपटाया गया। बैंक ने 20 हजार की तत्काल जमा राशि स्वीकार की और 4 हजार की ब्याज राशि माफ की। शेष राशि 6 माह में बिना ब्याज के जमा करने पर सहमति बनी।
पति-पत्नी विवाद: आपसी राजीनामा से एक दांपत्य विवाद समाप्त कर दंपत्ति ने पुनः साथ रहने का निर्णय लिया।
दिव्यांग वृद्ध का बिजली बिल मामला: पीसेगांव निवासी एक दिव्यांग व्यक्ति के 14,516 रुपये के बकाया में से 7 हजार रुपये माफ कर शेष राशि सुविधानुसार जमा करने का समझौता हुआ।
मोटर दुर्घटना दावा: प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में मृतक धर्मेन्द्र कुमार के परिजनों के पक्ष में 87 लाख रुपये का अवार्ड पारित हुआ।
लंबित आपराधिक मामले: वर्ष 2017 से लंबित एक मामले में पक्षकारों ने आपसी सुलह कर मुकदमा समाप्त किया।
वित्तीय विवाद: वर्ष 2014 से लंबित धारा 138 एनआई एक्ट का मामला भी पूर्ण राशि के आदान-प्रदान के साथ समाप्त हुआ।
पड़ोसी विवाद: पाँच वर्षों से चला आ रहा आपसी मनमुटाव, लोक अदालत की समझाइश से केवल पाँच मिनट में समाप्त कर दोनों परिवारों ने पुनः सौहार्द स्थापित किया।
कुल उपलब्धियां ..
इस लोक अदालत में 19,137 न्यायालयीन प्रकरण एवं 6,29,435 प्री-लिटिगेशन प्रकरण का निपटारा हुआ। बैंकिंग, बिजली एवं दूरसंचार से जुड़े कुल 9,61,922 रुपये के विवाद भी आपसी सहमति से सुलझाए गए।
नेशनल लोक अदालत ने यह साबित किया कि न्याय केवल दंड देने का माध्यम नहीं, बल्कि रिश्तों को जोड़ने और समाज में सौहार्द स्थापित करने का सेतु है। आपसी समझ, संवाद और धैर्य से वर्षों पुराने विवाद भी सहजता से समाप्त हो सकते हैं।
संपादक- पवन देवांगन
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सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
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