दुर्ग-भिलाई

बहुमंजिला,आवासीय और व्यावसायिक इमारतों में फायर सेफ्टी सिस्टम की करें जांच - डॉ. प्रतीक उमरे

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दुर्ग । नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने दुर्ग जिले में बढ़ती शहरीकरण और निर्माण गतिविधियों के बीच आग की घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण मांग कलेक्टर अभिजित सिंह से किया है।उन्होंने कलेक्टर से मांग किया है की दुर्ग जिले की सभी बहुमंजिला इमारतों,आवासीय कॉम्प्लेक्सों तथा व्यावसायिक भवनों में फायर सेफ्टी ऑडिट सिस्टम की व्यापक जांच की जाए। डॉ. प्रतीक उमरे ने इस मांग को शहरवासियों की सुरक्षा और जान-माल की रक्षा से जुड़ा बताते हुए इसे तत्काल अमल में लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में दुर्ग जिले में बहुमंजिला इमारतों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।इनमें से कई इमारतें पुरानी हैं या निर्माण के दौरान फायर सेफ्टी मानकों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि देश भर में आग की घटनाओं में वृद्धि हो रही है,जैसे कि दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों में हुए हादसे,जहां फायर ऑडिट की कमी के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ। दुर्ग में भी ऐसी संभावित खतरे वाली इमारतें मौजूद हैं,जहां फायर एक्सिट,स्प्रिंकलर सिस्टम, फायर अलार्म और अन्य सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच नहीं हो रही है। शहर की जनता की सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। दुर्ग में बढ़ते व्यावसायिक केंद्रों, मॉल्स, अपार्टमेंट्स और हॉस्पिटल्स में फायर सेफ्टी का ऑडिट अनिवार्य रूप से किया जाना आवश्यक है। यदि समय रहते जांच नहीं की गई,तो कोई बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है,जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी। फायर ऑडिट सिस्टम में शामिल होने वाले पहलुओं में फायर फाइटिंग इक्विपमेंट की उपलब्धता, इलेक्ट्रिकल वायरिंग की जांच,इमरजेंसी एक्सिट की पहुंच,ट्रेनिंग ऑफ स्टाफ और नियमित मॉक ड्रिल्स शामिल हैं।डॉ. प्रतीक उमरे ने सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एजेंसी या विशेषज्ञ टीम को इस कार्य के लिए नियुक्त किया जाए,ताकि रिपोर्ट पारदर्शी और प्रभावी हो।दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख औद्योगिक और शहरी केंद्र है, जहां लाखों लोग रहते और काम करते हैं। यहां की व्यावसायिक इमारतें,जैसे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स,ऑफिस बिल्डिंग्स और फैक्टरियां, आग के खतरे से सबसे अधिक प्रभावित हो सकती हैं।इसलिए जिला प्रशासन और फायर डिपार्टमेंट संयुक्त रूप से एक अभियान चलाएं, जिसमें सभी इमारतों का ऑडिट किया जाए और कमियां पाए जाने पर मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।साथ ही नई इमारतों के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट को अनिवार्य बनाया जाए।

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