दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश के 16,000 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारी अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर नौवें दिन भी हड़ताल पर डटे रहे। मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को प्रदेशभर में महिला कर्मचारियों ने भी तीज पर्व पर निर्जला व्रत रखते हुए आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई। कई कर्मचारी अपने छोटे बच्चों को लेकर भी धरना स्थल पर पहुंचे।
हड़ताल की वजह से प्रदेश की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। इनमें एचआरएमआईएस, आरसीएच, एचआरपी, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, प्रसव सेवा, यूविन एंट्री, आईएचआईपी ऑनलाइन एंट्री, एनसीडी प्रोग्राम, डेटा एंट्री कार्य, टीबी एवं टीकाकरण सेवाएं, बाल रोग निदान केंद्र, श्रवण जांच केंद्र, कुपोषित शिशु आहार केंद्र, हमर क्लिनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उपस्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
एनएचएम कर्मचारियों का कहना है कि संविदा पदों पर काम करने वालों को नियमित किया जाए ताकि उन्हें प्रताड़ना और असमानता से बचाया जा सके।
उनका आरोप है कि रेगुलर स्टाफ को अधिक सुविधाएं और छुट्टियां मिलती हैं, जबकि संविदा कर्मचारियों से अधिक काम लेकर भी उन्हें समान सम्मान नहीं दिया जाता। यहां तक कि राष्ट्रीय पर्वों पर भी उन्हें सम्मानित नहीं किया जाता। इधर, कुछ महिला कर्मचारियों ने तीज पर्व के अवसर पर हाथों में मेहंदी रचाकर हड़ताल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं, एनएचएम प्रबंध निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग से हड़ताल पर गए कर्मचारियों और अधिकारियों की संख्या की जानकारी मांगी है।
एनएचएम कर्मचारी संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी 10 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। इसी कड़ी में दुर्ग जिले के कर्मचारियों ने घोषणा की है कि कल गणेश चतुर्थी के अवसर पर “सद्बुद्धि यज्ञ” का आयोजन किया जाएगा, ताकि सरकार को कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करने की प्रेरणा मिल सके।
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