उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर की एक अदालत ने समाज की आत्मा को झकझोर देने वाले एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पत्नी को ‘काली और मोटी’ कहकर प्रताड़ित करने और फिर उसे ‘गोरा बनाने’ का झांसा देकर जिंदा जला देने वाले क्रूर पति को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी किशनदास पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
यह दिल दहला देने वाली घटना 24 जून 2017 की है, जब वल्लभनगर के नवानिया गांव के रहने वाले किशनदास ने अपनी पत्नी लक्ष्मी की निर्मम हत्या कर दी थी। किशनदास अपनी पत्नी लक्ष्मी को उसके सांवले रंग और वजन के कारण पसंद नहीं करता था और उसे लगातार ताने मारता था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक दिनेश चंद्र पालीवाल के अनुसार, घटना की रात करीब 11 बजे किशनदास एक केमिकल लेकर आया और अपनी पत्नी लक्ष्मी से कहा कि यह ‘गोरेपन की दवा’ है और इसे पूरे शरीर पर लगाने से वह गोरी हो जाएगी। उसकी बातों में आकर लक्ष्मी राजी हो गई। इसके बाद किशनदास ने खुद वह केमिकल पत्नी के शरीर पर लगाया और फिर माचिस की तीली जलाकर उसे आग के हवाले कर दिया।
लक्ष्मी की चीखें सुनकर घरवाले दौड़े और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
जज राहुल चौधरी ने किशनदास को मौत की सजा सुनाते हुए अपनी टिप्पणी में कहा, आरोपी ने एक ऐसा अपराध किया है जिसने समाज की आत्मा को झकझोर दिया है। यह बहुत ही दुर्लभ और क्रूरतम है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए एक ही विकल्प है – दोषी को सजा-ए-मौत।
मामले में किशनदास के खिलाफ 14 गवाहों और 36 दस्तावेजी सबूतों के आधार पर दोष सिद्ध हुआ, जिसके बाद अदालत ने यह कठोर फैसला सुनाया।
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