दुर्ग। केंद्रीय गोंड महासभा धमधा गढ़ के पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक आज बूढ़ा देव भवन, सिविल लाइन दुर्ग में आयोजित की गई। बैठक में हाल ही में घटी उस गंभीर घटना पर गहन चर्चा की गई, जिसमें अज्ञात असामाजिक तत्वों ने दुर्ग बस स्टैंड के पास स्थापित आदिवासी महानायक शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा के चबूतरे और लोकार्पण शिलालेख पर उनके नाम को काले रंग से पोत दिया था।
बैठक में मौजूद समाज के लोगों ने इस घटना को घोर निंदनीय और समाज की भावनाओं को आहत करने वाला बताया। वक्ताओं ने कहा कि घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज हुए चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक दोषी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

पदाधिकारियों ने इसे सामाजिक समरसता को बिगाडऩे और मूलनिवासियों को उकसाने का षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रतिमा या शिलालेख के अपमान का मामला नहीं है, बल्कि यह भविष्य में किसी गंभीर संकट की चेतावनी भी है। यदि ऐसी घटनाओं पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो सामाजिक सौहाद्र्र बिगड़ सकता है।
गोंड महासभा के पदाधिकारियों ने शासन-प्रशासन से मांग की कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर सख्त से सख्त दंड दिया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी असामाजिक तत्व इस तरह की दुस्साहसिक हरकत करने की हिम्मत न कर सके। बैठक में संभाग स्तर के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और उन्होंने एकजुट होकर इस मामले में न्याय की मांग की। उक्त जानकारी केंद्रीय गोंड महासभा धमधा गढ़ के पदाधिकारी सीताराम ठाकुर ने दी।
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