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अल्पवर्षा, प्रदेश की 28 तहसील में फसल की स्थिति कमजोर

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-पिछले दो दिनों से हो रही वर्षा से स्थिति में सुधार आने की संभावना 
-तिल्दा धरसींवा के कई गांव में पानी नहीं देने से फसल प्रभावित होने का आरोप  
रायपुर।
प्रदेश में अनवरत वर्षा नहीं होने के कारण अभी भी 28 तहसील सूखे के शिकार हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण बस्तर में वर्षा होने के कारण बीजापुर और नारायणपुर की स्थिति में सुधार आया है। इधर रायपुर धमतरी, नैला जांजगीर, बालोद में पानी नहरों से छोड़ा गया है। ताकि धान की फसल को बचाया जा सके।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस समय रायपुर जिले में औसत से अधिक वर्षा हो रही है लेकिन असिंचित क्षेत्रों मे ंपानी की पर्याप्त आवश्यकता है। उप संचालक अवस्थी के अनुसार आरंग, धरसींवा, और अभनपुर में महानदी की मुख्य नहर से पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं समोदा डायवर्सन से पानी छोड़ा गया है। पिछले दो दिनों से हुई वर्षा के कारण स्थिति में सुधार आ गया है। कृषि विभाग के सांख्यिकी अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में 28 तहसील अल्पवर्षा का शिकार है। यहां पर फिलहाल वर्षा होने से स्थिति पर सुधार पर हे। रायपुर जिले में धान का रकबा 1 लाख 60 हजार एकड़ का है। महासमुंद के अधिकारियों के अनुसार सरायपाली बसना में सिंचाई के साधन संसाधन नहीं होने के कारण खेतों में दरार पडऩे लगी है। इसके कारण किसान चिंतित है।
मुंगेली जिले में फिलहाल स्थिति दयनीय है। इस समय गंगरेल से पानी छोडऩे की मांग की जा रही है। चांपा जांजगीर जिले के जनप्रतिनिधि नारायण चंदेल ने बताया कि हसदेव बांगों से पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं रायगढ़ जिले से केलो नदी से पानी छोड़ा जारहा है। दुर्ग जिले में तांदुला जलाशय परियोजना एवं शिवनाथ दी से पानी देने की मांग किसान कर रहे हैं। लेकिन फिल्हाल पानी नहीं दिया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार फिलहाल आगामी कुछ दिनों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। जिसके चलते यहां पर स्थिति में सुधार आने की संभावना है। प्रदेश में कुल 20 हजार गांव है तथा 225 से अधिक तहसील है इनमें से 28 तहसील में वर्षा कम हुई है। जिसके कारण फिलहाल अधिकारी मुआयना कर रहे हैं। पटवारियों को गिदावरी का काम सौंपा गया है लेकिन वे अन्य कार्य में व्यस्त होने के कारण यह काम नहीं कर पा रहे है।
तिल्दा धरसींवा ब्लाक में फसल हो रही बर्बाद-वर्मा
जिला जनपद की पूर्व अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि हमारा किसान प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मिला था। धरसींवा जनपद के 79 और विस के 32 गांव में स्थिति गंभीर है। पहले पानी छोडऩे की मांग की गई थी लेकिन पानी नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण किसानों में रोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि पानी नहीं मिलने से इस क्षेत्र की फसल बर्बाद हो रही है। खाद के लिए भी किसान दर दर भटक रहे हैं। ज्ञात रहे इस समय एग्री पोर्टल का काम चल रहा है जिसमें किसानों को पंजीयन कराने कहा गया है लेकिन राजस्व का डाटा अपडेट नहीं हुआ है जिसके कारण यहां पर किसान च्वाइस सेंटर तथा ग्राम सेवा समिति में चक्कर काट रहे हैं।

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