रायपुर । अब सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तर्ज पर पालक-शिक्षक बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि बच्चों की शैक्षिक प्रगति पर नियमित संवाद स्थापित किया जा सके। पहली बैठक अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी, जिसमें पालकों को उनके बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों, कमजोरियों और समग्र विकास की जानकारी दी जाएगी।
स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा सभी कलेक्टरों, संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों और पालकों के बीच समन्वय को सशक्त बनाना है, जिससे छात्र शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें और उन्हें सहयोगपूर्ण घर का माहौल मिल सके। सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साकार करने और ड्रॉपआउट की समस्या को रोकने में पालकों की सक्रिय भूमिका जरूरी है। बैठक में पालक बच्चों के अध्ययन-अध्यापन पर अपने सुझाव दे सकेंगे और इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि घर में अध्ययन के लिए उपयुक्त वातावरण कैसे बनाया जाए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और बच्चों की समग्र भलाई से संबंधित विषयों पर भी जानकारी दी जाएगी।
पालक-शिक्षक बैठकों का समय इस प्रकार निर्धारित किया गया है:
पहली बैठक: अगस्त के पहले सप्ताह में
दूसरी बैठक: तिमाही परीक्षा के 10 दिन बाद
तीसरी बैठक: छमाही परीक्षा के 10 दिन बाद
यह निर्णय सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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