-हमने बदला लेते समय भी मानवता नहीं छोड़ी
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े आचार्य डॉ. अजय आर्य ने ऑपरेशन सिंदूर पर बातचीत करते हुए भारत सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की और भारत सरकार को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जिन माता बहनों का सिंदूर उजाड़ा गया है, उनके लिए संतोष की बात है। हमने बदला लेते समय भी मानवता का परिचय दिया है। सेना ने अपने अधिकृत बयान में यह स्पष्ट किया है कि सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। सैन्य ठिकानों और आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया। भारतीय जनमानस के आक्रोश को देखते हुए मैं भारत सरकार के इस कदम के प्रशंसा तो करता हूं मुझे संतोष तो है किंतु आतंकवाद के खिलाफ उठाया गया यह कदम मुझे काफी नहीं लगता। देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हम आतंकियों के आकाओं को सबक सिखाएंगे। सिंधु जल संधि को रद्द करके भारत सरकार ने इसकी पहल की है। किंतु लगता है कि वहां की सेना आतंकवादियों को प्रशिक्षित करती है, इसलिए कोई ऐसा कड़ा कदम उठाया जाना चाहिए, जो पाकिस्तान सेना के लिए भी एक सबक हो। अगर कश्मीर के अलगाव वादियों को पाकिस्तान समर्थन दे सकता है तो हमें उसी का अनुसरण करते हुए सिंध और बलूचिस्तान के असंतोष को भुनाना चाहिए, और उनका समर्थन करना चाहिए। मुझे लगता है कि पाकिस्तान की ताकत जब तक काम नहीं होगी करार उसे जवाब नहीं मिलेगा तब तक वह नापाक करतूत करता रहेगा। भारत की नीति किसी भी धर्म समाज संस्कृति परंपरा के खिलाफ नहीं है। हम विश्व बंधुत्व, सामाजिक सौहार्द्र पर विश्वास रखने वाले लोग हैं किंतु अगर कोई भी समाज,मत पंथ, भारतीयता और भारत की अस्मिता पर प्रहार करता है तो हम उसके साथ खड़े नहीं हो सकते।
छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री अवनी भूषण पुरंग ने कहा कि अगर किसी भी स्थिति में भारत को युद्ध करना पड़ता है तो आर्य समाज से जुड़ी सभी संस्थाएं सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेंगे।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 14 दिन के भीतर इसका मुंहतोड़ जवाब दिया. भारतीय वायुसेना ने 6-7 मई 2025 की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। हमले में शामिल सभी पायलट और सैनिक सुरक्षित लौटे।
ऑपरेशन सिंदूर' न केवल पाक को जवाब है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक क्षमता का भी प्रमाण है। यह स्पष्ट करता है कि अब भारत आतंक को उसकी भाषा में जवाब देने से पीछे नहीं हटता।
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