दुर्ग। मोटर सायकल दुर्घटना के मरीज को चेहरे की हड्डियों में गंभीर और जटिल चोट आयी थी, जिसके कारण मरीज का जबड़ा पूरी तरह से बिगड़ चुका था और गाल की हड्डी के कई टुकड़ा हो गए थे। ऐसे में सांस की नली में छेद करके मरीज की सांसे बचायी जा सकती थी। एनेस्थेटिक डॉ. संजय वालवेन्द्रें विभागाध्यक्ष व डेंटल सर्जन डॉ. कामिनी डड़सेना द्वारा आपसी निष्कर्षण से सबमेन्टल रेपलेसमेंट का निर्णय लिया गया, इसके बाद सांस की नली को मुंह में डालकर, हड्डी के नीचले गर्दन में छोटा छेद कर स्वांस की नली को निकाला गया और पूरे चेहरे को आसानी से ऑपरेशन किया गया तथा मरीज को सुरक्षित किया गया। सिविल सर्जन डॉ. हेमन्त साहू ने बताया कि इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया को सफल बनाने में मेक्सोफेशियल सर्जन डॉ. कामिनी डड़सेना एवं ओ.टी. टीम में एनेस्थिसया विभागध्यक्ष डॉ. संजय वालवेन्द्रे, डॉ. हरी, शायनी चेरियन, शिबेन दानी, नसरीन बेगम, मयुरी वर्मा, दुर्गेश एवं युगल किशोर की अहम भूमिका रही। मरीज का सफल ऑपरेशन के बाद आई.सी.यू. में शिफ्ट किया गया, जिसमें स्थिति सामान्य है।
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